समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurNEWS

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा को उन्नत तकनीक से लैस ट्रैक्टर चालित मल्टी क्राप सीडर के लिये पेटेंट प्रदान किया गया

IMG 20221030 WA0004

व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े 

समस्तीपुर :- डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा को उन्नत तकनीक से लैस ट्रैक्टर चालित मल्टी क्राप सीडर और विशेष उर्जा युक्त पौष्टिक खाद्यपदार्थ बाल शक्ति के लिये पेटेंट प्रदान किया गया है। कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने बताया कि स्थानीय किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखकर मल्टी क्राप सी डर को विकसित किया गया है। उन्होने कहा कि वर्तमान मेॆ जो मशीनें उपलब्ध हैं उसमें बीज बुआई की गहराई और बीज दर को नियंत्रित करने मेॆ मुश्किल होती है इसके कारण बिहार के किसान इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। यहां के जमीन को ध्यान में रखकर इसे विकसित किया गया है।

कुलपति डॉ. पांडेय ने मल्टीक्राप सीडर और बाल शक्ति को विकास मेॆ महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिको डॉ. सुभाष चंद्रा और डॉ. उषा सिंह को सम्मानित किया। अभियंत्रण महाविद्यालय के डीन डॉ. अम्बरीष कुमार ने कहा कि कुलपति का स्पष्ट निर्देश है कि वैज्ञानिक किसानों के खेत पर जाकर उनकी समस्याओं को समझे और उसी अनुरूप अनुसंधान करें ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।

Teachers Day page 0001 1

IMG 20230604 105636 460

मल्टीक्राप सीडर एक ट्रैक्टर चालित मशीन है जो परिचालन को दौरान स्वतः जमीन के उबड़ खाबड़ सतह के अनुसार फार को उपर नीचे संचालित कर सकता है। इसके कारण बीज की बुआई जमीन में एक समान गहराई पर होती है। इस मशीन मे सीड बाक्स से गिरने वाले बीज की मात्रा को नियंत्रित करने को लिये साधन दिये गये है। इस मशीन के व्यवसायिक उत्पादन से लिये विश्वविद्यालय ने एक कंपनी के साथ समझौता भी किया है। मल्टीक्राप सीडर की उपयोगिता को देखते हुये बिहार सरकार की ओर से इस मशीन के बिक्री मूल्य पर चालीस प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की गई है।

IMG 20230728 WA0094 01

कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिये विकसित खाद्य बाल शक्ति छह महीने तक ताजा रह सकता है। इसके सौ ग्राम को पैक मेॆ 500किलो कैलोरी उर्जा, विभिन्न विटामिन, प्रोटीन, एमिनोएसिड्स तथा अन्य जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। कुलपति डॉ. पांडेय ने सम्मान समारोह के दौरान वैज्ञानिको से किसान केंद्रित अनुसंधान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिये वैज्ञानिको को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनो में विश्वविद्यालय को छह से अधिक पेटेंट प्रदान किये गये हैं।

IMG 20230324 WA0187 01

IMG 20230701 WA0080

IMG 20230818 WA0018 02

IMG 20230620 WA0060

IMG 20230416 WA0006 01

20201015 075150