सोशल मीडिया पर सबसे अधिक एक्टिव है समस्तीपुर पुलिस; बिहार पुलिस के FACEBOOK पेज की रीच 1.20 करोड़ के पार
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सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के अकाउंट्स बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लगातार हर अकाउंट्स पर बिहार पुलिस के फॉलोअर्स बढ़ रहे हैं। अकेले फेसबुक अकाउंट पर बिहार पुलिस का रिच 1 करोड़ 20 लाख के पार कर गया है। यह आंकड़ा अगस्त महीने का है। सोमवार को इसकी जानकारी ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने दी है। इनके अनुसार अगस्त महीने में ही फेसबुक अकाउंट पर 1 लाख 17 हजार 423 नए फॉलोअर्स जुड़े जुड़े हैं। वहीं सोशल साइट एक्स पर 35 लाख इम्प्रेशन पिछले महीने रहा है। जबकि, 11 हजार नए फॉलोअर्स सोशल मीडिया के इस प्लेटफॉर्म पर जुड़े हैं।
ADG मुख्यालय ने बताया कि इंस्टाग्राम पर पिछले महीने 50 हजार लोगों ने बिहार पुलिस को फॉलो किया। जबकि, इस अकाउंट पर 4 लाख 33 हजार की रिच रही। वहीं, सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म को मिलाकर 1700 लोगों ने पुलिस को मेंशन किया है। जून महीने तक सोशल मीडिया अकाउंट को 5 लाख लोगों ने सब्सक्राइब कर रखा था। पर अगस्त में इसकी संख्या बढ़कर 7 लाख हो गई है। ADG मुख्यालय ने कहा कि ये आंकड़ा बताता है कि आधिकारिक सूचना के लिए लोग पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो कर रहे हैं। हमारी सूचनाओं पर विश्वास जता रहे हैं।
टॉप-5 में समस्तीपुर के अलावा गोपालगंज, कटिहार, भोजपुर और अरवल
सोशल मीडिया पर सिर्फ बिहार पुलिस ही नहीं, बल्कि सभी जिलों की पुलिस का अकाउंट है। इसमें 5 जिले ऐसे हैं, जिन्हें मुख्यालय ने टॉप-5 में चुना है। इनमें सबसे नंबर एक पर समस्तीपुर जिले की पुलिस है। जबकि, इसके बाद गोपालगंज, कटिहार, भोजपुर और अरवल का नंबर आता है। ADG मुख्यालय ने बताया कि टॉप-5 में चुनने के लिए तीन पैमाना तैयार किया गया है। पहला पैमाना है कि कोई भी घटना होने के बाद जिले के पुलिस कितने कम समय में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसे अपडेट करती है। दूसरा पैमाना है कि जिले में आपके कितने फॉलोअर्स हैं? तीसरा पैमाना है कि पिछले 15 दिनों में आपके फॉलोअर्स में कितनी वृद्धि हुई? 14 सितंबर को इस आधार पर रैंकिंग तैयार की गई थी।
मुख्यालय ने इस मामले में सबसे पीछे रहने वाले 5 जिलों के नाम की भी घोषणा की है। जिसमें शेखपुरा, मुंगेर, शिवहर, बांका और सुपौल शामिल हैं। इन जिलों के SP को इन्हें टॉप में आने, फॉलोअर्स, और रिच बढ़ाने का आदेश दिया गया है। ताकि, भ्रामक खबरों से बचने के लिए अधिक से अधिक लोग पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जुड़ें।
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