समस्तीपुरः समस्तीपुर शहर के बारह पत्थर दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। दुर्गा मां की महिमा से एक व्यक्ति को आंखों की रोशनी मिली थी। इसलिए यहां से श्रद्धलुओं का आस्था जुड़ा हुआ है। 22 साल से यहां मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। जानकार बताते हैं कि 2001 में एक सूरज नाम का अंधा व गरीब व्यक्ति आया था। उसने युवाओं से दुर्गा पूजा करने की सलाह दी थी।
उसने बताया था कि वह सीने पर कलश रखकर मां की आराधना करेगा। पूजा में जो चढावा होगा, उससे मेरे आंखों का इलाज करा देना। इस बात को लोग मान लिए और पूजा शुरू की गई। पूजा के बाद चढ़ावा से मिले रुपए से सूरज का इलाज नेपाल में कराया गया, जिससे उसकी आंखें ठीक हो गई।
इसके बाद धीरे धीरे यहां पूजा-अर्चना में बढ़ोतरी होने लगी। अब मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा सुरक्षा मुहैया कराया जाता है। इस बार भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। महासप्तमी को पट खुलने के बाद पूजा-अर्चना शुरू है। पूजा कमेटी के अध्यक्ष विजय पासवान ने बताया की सीने पर कलश रखकर दुर्गा पूजा की शुरुआत की गई थी। आज भव्य प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है।
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