समस्तीपुर-बरौनी रेलखंड पर खेल रही थी यह 3 साल की मासूम, तभी फर्राटा भरते आ गई एक्सप्रेस ट्रेन; फिर जो हुआ…
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कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई। बिहार के बेगूसराय में यह सच साबित हुआ। एक छोटी सा मासूम बच्ची रेलवे की पटरी पर पत्थर के टुकरों से खेल रही थी तभी समस्तीपुर की ओर से लखनउ-बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन जा गई। लेकिन उस बच्ची को कुछ नहीं हुआ। ट्रेन नंबर 15204 (लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस) के चालक दल के सदस्यों ने तत्परता, सूझबूझ और मानवता की मिसाल पेश की।
घटना बछवाड़ा और तेघरा स्टेशनों के बीच की है। रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार को एक तीन वर्षीय बच्ची की पटरी पर खेल रही थी। ललोको पायलट और सहायक लोको पायलट की सूझबूझ के कारण जान बचाई जा सकी। इस संबंध में बताया गया है कि ट्रेन के लोको पायलट आरएमपी यादव और सहायक लोको पायलट किशन कुमार ने असाधारण तत्परता और सूझबूझ का परिचय दिया।
लोको पायलट ने बताया कि शुक्रवार को वे गाड़ी लेकर बरौनी की ओर से जा रहे थे। उन्हें अचानक बच्ची को रेलवे ट्रैक पर दिख गई। बछवाड़ा और तेघरा स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर बीएच सिग्नल के पास किमी-191/10 पर बच्ची भटक कर ट्रैक पर आ गई थी। बच्ची पटरी पर खेलने में मशगूल थी। पटरी पर लड़की की मौजूदगी देखकर चालक दल ने आपातकालीन ब्रेक लगा दिया। इससे गाड़ी बच्ची तक पहुंचते पहुंचते रुक गई। जिससे छोटी बच्ची को सुरक्षित बचाया जा सका।
ट्रेन को लोको मोटिव नंबर 22944 द्वारा संचालित किया जा रहा था। घटना के बाद ट्रेन 07:15 से 07:20 तक उस स्थान पर खड़ी रही। इस दौरान ट्रेन के चालक दल ने लड़की को ट्रैक से उठा लिया और देखभाल में लग गए। अचानक ट्रेन रोके जाने से आसपास के लोग आ गए उसमें बच्ची के परिजन भी थे। बच्ची को इस प्रकार से देख वे रोने लगे और उसे उठाकर ले गए। उसके बाद पायलट दल ट्रेन को लेकर प्रस्थान कर गए।
चालक दल की प्रोफेशनल तत्परता और यात्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की वहां मौजूद लोगों ने सराहना ही। विभागीय की ओर से उन्हें सराहना भी मिल रही है। उनकी सूझबूझ और कर्तव्य के प्रति समर्पण भावना की चारों ओर तारीफ हो रही है। पूर्व मध्य रेलवे ने जनता से अपील की है कि रेलवे लाइन हमेशा फाटक से ही पार करें। इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से अपने बच्चों और मवेशियों को रेलवे ट्रैक के पास न आने दें। रेलवे ट्रैक से बच्चों को जरूर दूर रखें।