समस्तीपुर में मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान बाधित होने पर आंगनबाड़ी सेविकाओं पर होगी कार्रवाई
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर में मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान का दूसरा चक्र नौ अक्टूबर से शुरु होगा। इसकी सफलता के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं के आंदोलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंतित नजर आ रहा है। विभाग ने अभियान बाधित होने पर दोषी आंगनबाड़ी सेविकाओं पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
इधर, नौ अक्टूबर से छह दिवसीय मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान को लेकर सभी प्रखंडों में वैक्सीन सहित अन्य सामग्रियों का भी वितरण किया गया है। इसके लिए जिले में लगभग 1629 से अधिक टीकाकरण सत्र बनाया गया है। डीआईओ ने बताया कि अभियान को नियमानुसार शुरु करते हुए पांच वर्ष तक के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी टीकाकरण किया जाएगा।
अगर सेविका-सहायिका के द्वारा विरोध किया जाता है तो इस परिस्थिति में अन्य सार्वजनिक स्थान या जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर टीकाकरण सत्र आयोजित किया जाएगा। ताकि अभियान के दौरान आने वाले बच्चों का शतप्रतिशत टीकाकरण कराया जा सके। इसके बावजूद अगर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के द्वारा विरोध किया जाता है तो बाध्य होकर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर मुख्यालय से भी आदेश जारी कर दिया गया है। अभियान को प्रभावित करने वाले कर्मी के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा सकती है।
1629 स्थानों पर किया जाएगा टीकाकरण:
मिशन इंद्रधनुष के तहत जिले के सभी 20 ब्लॉकों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 1629 सत्र स्थलों का चयन किया गया है। इसमें टीकाकरण के लिए लक्षित बच्चों का लक्ष्य 31 हजार 572 है एवं गर्भवति महिलाओं का लक्ष्य 77 सौ रखा गया है।
इन पर होगा विशेष फोकस:
मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत खसरा और रुबेला से छूटे हुए बच्चों को टीका लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए चिंहित सभी 953 एएनएम, 3818 आशा कार्यकर्ता के अलावे 4318 आंगनबाड़ी सेविकाओं को भी विशेष निर्देश दिया जा चुका है। साथ ही उनकी जिम्मेदारी के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है।
इन विभागों का भी होगा सहयोग:
मिशन इंद्रधनुष अभियान की शतप्रतिशत सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावे शिक्षा विभाग, आईसीडीएस एवं जीविका को भी सहयोग करना है। ताकि अभियान को सफलता पूर्वक पूरा कर शतप्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
पर्यवेक्षण को बनायी गयी है टीम:
डीआईओ ने बताया कि शतप्रतिशत सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस और सहयोगी संस्थान के जिला एवं प्रखंड स्तर के सुपरवाईजर सत्र स्थल एवं स्वास्थ्य कर्मी के कार्यों का निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण करेंगे। ताकि अभियान सफल हो सके।