समस्तीपुर सदर अस्पताल का हाल बेहाल; OPD में डॉक्टरों की लेट-लतीफी से मरीज परेशान
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समस्तीपुर :- स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव जी आप बिहार के सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने का लाख दावा कर लेकिन वह सुधर नहीं रही है। सबसे बड़ी बात है की आपके डॉक्टर ही स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी करने पर लगे हुए हैं। समस्तीपुर सदर अस्पताल में चिकित्सकों की लेट लतीफी आम सी बात हो गई है। दूर दराज से गरीब और लाचार मरीज बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन यहां ओपीडी में डॉक्टर नदारत रहते हैं। समय से डॉक्टरों के नहीं आने के कारण मरीजों को घंटो इंतजार करना पड़ता है।
सुबह की ओपीडी में जहां देर से डॉक्टर आते हैं वहीं संध्या ओपीडी में आने से डॉक्टर परहेज करते हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। जरूरतमंद मरीज इलाज कराने के लिए अस्पताल में समय से पहले पहुंच जाते हैं, ताकि समय से इलाज करा घर लौट सके, लेकिन सदर अस्पताल में निबंधन कराने के बाद उन्हें घंटों डॉक्टर का इंतजार करने को विवश होना पड़ता है। मंगलवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी।
सुबह के 9.35 बजने के बावजूद सामान्य ओपीडी, शिशु ओपीडी व सर्जरी ओपीडी में डॉक्टरों का अता पता नहीं था। हालांकि इलाज कराने के लिए इन ओपीडी के सामने मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। डॉक्टर के इंतजार में मरीज कतार में लगे हुए थे। कतार में खड़े-खड़े कुछ मरीज थक भी गये थे, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। कतार में खड़े मरीज कभी व्यवस्था तो कभी सरकार को दोष दे रहे थे। लेकिन कोई भी वरीय अधिकारियों को शिकायत करने की जहमत नहीं उठा रहा था। 10 बजने के बाद कई चिकित्सक एक साथ पहुंचे तो मरीजों ने राहत की सांस ली। मरीजों का कहना है कि सरकार की सुविधा को यहां के सिस्टम ने बिगाड़ दिया है। नौ बजे से ओपीडी है और दस बजने तक डॉक्टर का पता नहीं रहता है।
नौ बजे से है ओपीडी का समय :
सदर अस्पताल में सरकारी अवकाश एवं रविवार को छोड़कर प्रत्येक दिन सुबह के नौ बजे से दोपहर दो बजे तक एवं शाम में चार से छह बजे तक ओपीडी का समय निर्धारित है। उक्त अवधि में डॉक्टरों को ओपीडी में रहना है। जबकि निबंधन काउंटर ओपीडी के निर्धारित समय से आधे घंटे पहले ही खोलने का नियम है। ताकि मरीज को सुविधा मिल सके। लेकिन ऐसा नहीं होता है। सुबह के ओपीडी में डॉक्टर मिल भी जाएं, शाम के समय मिलना नसीब की बात है।