समस्तीपुर के शशांक भूषण को मिला प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप अवार्ड (PMRF अवार्ड), लोगों ने दी बधाई
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड अंतर्गत सलेमपुर गांव के निवासी सोने दास (सेवा निवृत्त शिक्षक) एवं राजकिशोरी देवी के पुत्र शशांक भूषण दास को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप अवार्ड दिया गया। इस गौरव के पल में शशांक के माता-पिता अपने पुत्र की इस उपलब्धि से अतयंत हर्षित हैं। बता दें की ये अवार्ड भारत सरकार द्वारा रिसर्च के क्षेत्र में हर वर्ष प्रमुख संस्थानों में पीएचडी करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्टूडडेंट्स को दी जाती है।
इसके अंतर्गत देश के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है और साथ ही इसके लिए यह आकर्षक फेलोशिप के ऑफर देती है। सभी आईआईएसआर आईआईटी, भारत विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और अन्य कुछ शीर्ष केंद्रीय एनआईटी विश्वविद्यालय जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की डिग्री प्राप्त करते हैं उन सभी संस्थानों के पीएचडी स्कॉलर को प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के अंतगर्त शिक्षण एवं फेलोशिप देते हैं। वर्तमान में शशांक भूषण IIT दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में PhD रिसर्च स्कॉलर है।
बता दें कि शशांक भूषण ने अपनी प्रथिमिक शिक्षा सुरमार मेयारी एवं मैट्रिक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधीन सरकारी स्कूल सर्वोदय उच्च विद्यालय चाँद-चौर मथुरापुर से तथा इंटरमीडिएट केदार संत रामश्रय इंटर कॉलेज सरायरंजन से किया है। बाद में इंजीनियरिंग कि पढ़ाई (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई से किया है। अब तक शशांक ने नैनो मैटेरियल्स के क्षेत्र में लगभग अठारह शोध-पत्र विभिन्न अंतरास्ट्रीय जर्नल्स में अपने प्रोफेसर एवं पीएचडी सीनियर के सम्मलित प्रयास से प्रकाशित किये है। इन सभी शोध पत्रों को विश्व के अनेक देशों द्वारा पढ़े जा रहे है। जिसे गूगल स्कॉलर एवं रिसर्च गेट पर देखा एवं पढ़ा जा सकता है।
इस उपलब्धि का श्रेय शशांक अपने माता-पिता, अपने पीएचडी सुपरवाइजर डॉ सौतिक बेताल (अस्सिटेंट प्रोफेसर, IIT दिल्ली), गुरुजनो एवं अपने MTECH सुपरवाइजर डॉ राकेश कुमार सिंह तथा पीएचडी सीनियर विवेक कुमार एवं नंदन मुरली एवं बड़े भाई राम भूषण (सरकारी टीचर) को दिया है। शशांक भूषण ने कहा कि इस अवार्ड के लिए भारत सरकार एवं IIT दिल्ली के प्रति सदा आभारी रहेगा। शशांक ने कहा है की आगामी भविष्य में अपने शोध-कार्यों से देश के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में अपना योगदान देंगे रहेंगे। अंत में शशांक ने अपने सभी शुभचिंतकों एवं गुरुजनों के प्रति अपना आभार प्रकट किया है।