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‘वर्ल्ड एनेस्थीसिया-डे’ पर संजीवनी इमरजेंसी हाॅस्पीटल में कार्यक्रम का आयोजन, लोगों को किया गया जागरूक

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समस्तीपुर :- एनेस्थीसिया ने सर्जरी (ऑपरेशन) को नया मुकाम दिया है। इससे रोगी को असहनीय दर्द से राहत मिलती है, वहीं डॉक्टरों को सर्जरी करने में आसानी होती है। शहर के आदर्श नगर स्थित संजीवनी इमरजेंसी हाॅस्पीटल में ‘वर्ल्ड एनेस्थीसिया-डे’ के मौके पर निदेशक डॉ. अजित कुमार ने कहा कि सर्जरी में जितना महत्व सर्जन का होता है, उतना ही एक एनेस्थिस्ट का भी। सर्जरी के पहले एनेस्थिस्ट की जिम्मेदारी व भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।

यदि आप एनेस्थिस्ट की जांच में अयोग्य (अनफिट) रहते हैं, तो आपका ऑपरेशन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों के लिए सफल सर्जरी की सुविधा प्रदान करने के लिए दुनियाभर में एनेस्थीसिया प्रदाताओं द्वारा किए गए कार्यों को मान्यता देने के लिए हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व एनेस्थीसिया दिवस मनाया जाता है।

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इससे पहले अस्पताल परिसर में शहर के वरिष्ठ एनेस्थेसिस्ट डॉ. राणा को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इस दौरान डॉ. राणा के साथ एनेस्थीसिया के डॉ. सुशील कुमार, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. रत्नेश कुमार एवं संजीवनी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अजित कुमार, सर्जन डॉ. रौशन, डॉ. अभिषेक सिंह के द्वारा केक काटकर समारोह पूर्वक इस दिवस को मनाया गया।

इस दौरान डॉ. राणा ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में एनेस्थीसिया के क्षेत्र में काफी बदलाव आये हैं। 15 से 20 साल पहले तक सर्जरी के बाद मरीजों को होश में आने में पूरा एक दिन लग जाता था। अब वे ऑपरेशन थिएटर पर बातें करते हैं। इसी दौरान उनकी सर्जरी हो जाती है। यह चिकित्सा जगत की सबसे बड़ी खोज है। आज के समय में एनेस्थीसिया के बिना कोई भी ऑपरेशन संभव नहीं है।

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