विद्यापति महोत्सव : सुरंजन राजवीर ने सुरों की सजाई महफिल, लोक नृत्य पर झूमे श्रोता
यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े
समस्तीपुर/विद्यापतिनगर [पदमाकर सिंह लाला] :- मिथिला के प्राण कवि कोकिल विद्यापति जी की समाधि भूमि पर आयोजित ग्यारहवें विद्यापति राजकीय महोत्सव के दुसरे दिन रविवार की देर शाम अपनी प्रस्तुति से कलाकारों ने सुर ताल का जबरदस्त समां बांध उपस्थित श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। जी टीवी पर प्रसारित शो सारे गामा पा पर धमाल मचा चुके समस्तीपुर के सुरंजन राजवीर ने महोत्सव की मंच पर आते ही सबसे पहले राष्ट्र प्रेम के भाव से भरे गीत ऐ वतन ऐ वतन, जाने जा जाने मन… की प्रस्तुति दी। तो पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उसके बाद फिल्मी गीतों का दौर चला।
पर्दा हैं पर्दा …, बस एक नजर उसको देखा…, छोरा गंगा किनारे वाला…, तुझे लागे ना नजरिया…, कुरियां शहर दिया… ने रात के होने का एहसास ताक नहीं होने दिया। उसके बाद भोजपुरी गाने गोरिया चांद के, हमरा खातिर तोहरा कै… से युवा पीढ़ी को उत्साहित कर दिया। अंत में पुराने गीत ओ मेरी महबूबा, रूठ के जो चली जायेगी व कभी अलविदा ना कहना… के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दरम्यान पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।
दूसरे सत्र को नालंदा कला विकास संस्थान, पटना के कलाकारों ने बिहार की पुरातन विरासत व लोक संस्कृति की थीम पर आधारित अपनी प्रस्तुतियों से महोत्सव को यादगार बनाया। ऐसन अप्पन बिहार ह.. की प्रस्तुति के दौरान बिहार के महापुरुषों की गौरव गाथाओं का वर्णन कर इतिहास बोध कराया।
तो सामा चकेवा, झिंझिरी गीत, छठ गीत दर्शन दी हि न हे दीनानाथ, सोहर गीत ललना फूल ऐसन बाबू सुकुमार, रुनू झुन्नु बाबू खेलय अगनवा, कंगन लेब हैं बबुआ के बधाईयां आदि गीतों को दर्शक दीर्घा में बैठे श्रोताओं का जबरदस्त मिला। अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म लिपिस्टिक बॉय के किरदार उदय कुमार ने अपने आव भाव से उपस्थित लोगों के आकर्षण का केन्द्र में रहें। इनके नृत्य व अभिनय को लोगों ने बखूबी सराहा। सुधीर कुमार पाण्डेय ने अपने संचालन से लोगों को खूब गुदगुदाया।