समस्तीपुर/मोहिउद्दीननगर :- समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर के पूर्व विधायक एवं बिहार सरकार के पूर्व राज्य मंत्री रामचंद्र राय के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई करने की घोषणा की थी। इसके बावजूद समस्तीपुर जिले में पूर्व मंत्री के शव राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं किया गया। जिसको लेकर मोहिउद्दीननगर के स्थानीय विधायक के अलावे समाज सेवी सुजीत कुमार भगत ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना शुरू हो गई है। सीएम के निर्देश के बावजूद भी पूर्व मंत्री के शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं होना कई सवाल खड़ा कर दिया है।
मोहिउद्दीननगर के विधायक राजेश कुमार सिंह की फेसबुक पर दी गयी प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार है, “कल हमारे मोहिउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र के चार बार के विधायक एवं तीन वर्ष मंत्री रह चुके ऐसे लोकप्रिय नेता श्री रामचंद्र राय जी के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय नीतिश कुमार जी ने कहा था की पूर्व मंत्री जी का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा लेकिन उनके आदेश के बावजूद प्रसाशन की निष्क्रियता साफ देखने को मिली, उनके पैतृक आवास कुरसाहा में स्थानीय प्रशासन की ओर से जनप्रिय नेता के पार्थिव शरीर पर पुष्प माला अर्पित कर सिर्फ औपचारिकता पुरी गई।
उनके अन्तेष्ठी स्थल पर न कोई प्रसाशनिक पदाधिकारी मौजूद था और न ही उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, इससे प्रतीत होता है कि सरकार का प्रसाशनिक पदाधिकारियों पर से नियंत्रण बिलकुल समाप्त हो गया है, आखिर बिहार में सरकार किस तरह का लोकतंत्र स्थापित करना चाहती है, श्री रामचंद्र बाबू का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं होने पर मै घोर निंदा करता हुँ और सरकार की इस उदासीनता से मै व्यक्तिगत तौर से मर्माहत हुँ। दलगत भावना से उपर उठकर लोकतंत्र के मूल्यों एवं सिद्धान्तो के अनुरूप चाहे वह राजनीति, सामजिक या अन्य क्षेत्र में बेहतर कार्य करनेवाले लोगों के प्रति समर्पित भाव के साथ सम्मान प्रदर्शित करने की जरूरत है।सरकार किसी भी दल का हो लेकिन जो संवैधानिक संरचना है उसको कमजोर नहीं करना चाहिए।
इधर समाज सेवी एवं पर्यावणी ने सुजीत कुमार भगत ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि बार-बार मोहिउद्दीननगर के जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासन के द्वारा भेदभाव किया जाता है। मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद भी पूर्व मंत्री रामचंद्र बाबू के अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान नहीं देना मोहिउद्दीननगर का अपमान बताया है।
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