समस्तीपुर के DM ने घूसखोर क्लर्क को किया बर्खास्त, चार वर्ष पहले 8 हजार घूस रूपये रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने घुसखोर उच्च वर्गीय लिपिक को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। चार साल पहले वह आठ हजार रुपये रिश्वत लेते हुए निगरानी के हत्थे चढा था। अंचल कार्यालय में नाजिर के पद पर रहते हुए उसने भूमि की मापी के लिए एक व्यक्ति से यह रिश्वत ले रहा था। बर्खास्त लिपिक मधुबनी जिला के खजौली थानांतर्गत केवलपट्टी गांव का रहने वाला है।
जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी याेगेन्द्र सिंह ने उच्च वर्गीय लिपिक प्रभाकर कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह बर्खास्तगी 18 अप्रैल 2019 को निगरानी विभाग की टीम द्वारा सरायरंजन में रवीन्द्र कुमार साह नामक व्यक्ति से जमीन की मापी कराने के एवज में 8 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया था लिपिक :
गिरफ्तारी के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। लंबे समय तक चली प्रकिया के बाद पिछले 27 नवंबर 23 काे जिलाधिकारी ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उसकी बर्खास्तगी से संबंधित पत्र भी निर्गत कर दिया है।
समस्तीपुर DM ने निर्गत पत्र में क्या कहा ?
पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि निलंबित उच्च वर्गीय लिपिक के विरुद्ध गठित आरोप प्रमाणित है। उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही में संचालन पदाधिकारी के द्वारा प्रमाणित आरोपों से सहमत होते हुए बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के नियम 14-11 में निहित शक्तियों के आलोक में प्रभाकर कुमार सिंह उच्च वर्गीय लिपिक निलंबित, अंचल कार्यालय, सरायरंजन को आदेश निर्गत की तिथि से बर्खास्त करता हूं, जो सामान्यता सरकार के अधीन भविष्य में नियोजन के लिए निरर्हता होगी। इस आशय की पुष्टि उनकी सेवा पुस्त में लाल स्याही से अंकित की जाएगी। बर्खास्तगी की सूचना निगरानी विभाग के साथ-साथ अधीक्षक, राजकीय मुद्रणालय, गुलजारबाग, पटना को भी बिहार गजट में प्रकाशित करने के लिए प्रेषित किया है।
आरोप सिद्ध होने के बाद की गई बर्खास्तगी :
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी सह स्थापना उपसमाहर्ता सुनीता सोनू ने पुष्टि करते हुए बताया कि लंबी विभागीय प्रक्रिया के बाद आरोप सिद्ध होने पर निलंबित लिपिक को जिलाधिकारी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसकी सूचना संंबंधित कर्मी को भी उनके आवासीय पते पर भेजी गई है।
सेवानिवृत नाजिर से होगी 73 लाख 25 हजार 526 रुपये की वसूली :
गबन के आरोपित सेवानिवृत नाजिर से 73 लाख 25 हजार 526 रुपये की वसूली होगी। यह आदेश जिलाधिकारी ने जारी किया है। उजियारपुर अंचलाधिकारी को इस राशि की वसूली करने का आदेश दिया है। एक महीने के अंदर वसूली करने को कहा गया है। वारिसनगर प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में नाजिर के पद पर रहते हुए गबन करने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, अंचल कार्यालय उजियारपुर से सेवानिवृत उच्च वर्गीय लिपिक विद्याभूषण प्रसाद सिन्हा से 73 लाख 25 हजार 526 रुपये की वसूली होगी। यह वसूली उनके द्वारा वारिसनगर प्रखंड एवं अंचल में नाजिर के पद पर रहते हुए गबन की गई थी। विभागीय जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
सेवानिवृत नाजिर पर क्या हैं आरोप ?
सेवानिवृत नाजिर पर आरोप है कि उन्होंने अंचल नाजिर वारिसनगर के पद पर रहते हुए 11 लाख 77 हजार 191 रुपये एवं प्रखंड कार्यालय वारिसनगर के नाजिर रहते हुए 61 लाख 48 हजार 334 रुपये का गबन किया है।
उन्हें तीस दिनों के अंदर उजियारपुर अंचल कार्यालय में यह राशि जमा करने का आदेश दिया गया है। अन्यथा पब्लिक डिमांड एंड रिकवरी अधिनियम के तहत वसूल करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए उजियारपुर अंचलाधिकारी को जिलाधिकारी ने प्राधिकृत किया है। इसकी पुष्टि स्थापना उपसमाहर्ता सुनीता सोनू ने की है।