समस्तीपुर : जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी के मौके पर देशभर में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इसको लेकर पार्टी की तरफ से उनके पैतृक गांव कर्पूरीग्राम में जननायक के जन्म शताब्दी समारोह पर ‘‘समता, समरसता एवं समन्वय के दिग्दर्षक- जननायक कर्पूरी’’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी की अध्यक्षता में आयोजित इस सेमिनार में विधान परिषद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, राज्यसभा सांसद अनिल हेगड़े, पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सहित कई नेताओं ने अपने विचार प्रकट किए।
सर्वप्रथम स्वर्गीय जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सोच हमेशा से रही है कि कैसे उनका गांव, उनका इलाका, उनका प्रदेश शिक्षित हो इस दिशा में सोचते थे। जब उनकी मां का निधन हुआ तब जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने संकल्प लिया की वो हाई स्कूल खोलेंगे और उन्होंने हाई स्कूल खोला। आज उन्हें खुशी हो रही है की जो सोच और संकल्प उन्होंने लिया था। आज उस संकल्प को उन्होंने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरा कर रहे हैं।
वहीं कर्पूरी चर्चा को संबोधित करते हुए विधान परिषद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि जिस समय वो छात्र जीवन में थे उस वक्त जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर राजनीतिक क्षितिज पर काफी सुर्खियों में थे उनकी महानता के बारे में सुनता आ रहा हूं। जननायक कर्पूरी ठाकुर के मुंबई यात्रा के दौरान उन्हें एक बार उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। ऐसे महान विचारवान व्यक्तित्व के लोग जो काफी सरल और स्वच्छता की तरह सार्वजनिक जीवन व्यतीत करने वाले लोग दिखाई देंगे। उनकी सोच हमेशा से सही तरीके से पिछड़ो के लिए काम किया जाय। उस दिशा में उनका काम होता था।
वहीं जेडीयू के राजनीतिक सलाहकार और राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि जननायक कर्पूरी जी के जन्म के सौ वर्ष पूरे हो चुके है। उन्हीं को स्मरण करने के लिए तीन दिन का कार्यक्रम है। आज समस्तीपुर में कर्पूरी चर्चा का आयोजन किया गया है। कल पटना में उन पर लिखी गई दो पुस्तकों का विमोचन होना है। वहीं 24 तारीख को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में जनसभा होगी जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।
केसी त्यागी ने कहा कि वैचारिक तौर पर अंबेडकर के बाद गरीब जनों को आवाज देने का जो काम कर्पूरी जी ने देने का काम किया है। आज सम्पूर्ण देश उन्हें स्मरण करता है। लोहिया जी के बाद समाजवादी आंदोलन के सबसे बड़े स्तंभ थे। रामविलास, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, नीतीश जी और हम सब लोग उनके नेतृत्व में काम कर चुके हैं। उन्हें तो सबसे ज्यादा खुशी है कि कर्पूरी जी ने लोक दल उन्होंने बनाया था। वो उस दल के यवा राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में काम करने का उनका काफी लंबा अनुभव रहा है।
उन्होंने कहा कि जब मुंगेरी लाल कमीशन की रिकमेंडेशन उन्होंने लागू की थी उनकी पार्टी के भी बहुत सारे लोग उनके खिलाफ थे। भारतीय जनता पार्टी तब की जन संघ थी। जो जनता पार्टी में विलय कर गई थी। वह उनके खिलाफ थे। कांग्रेस खिलाफ थे, कम्युनिस्ट खिलाफ थे। लेकिन विचार की प्रखरता और समय की मांग जिन्होंने अपने जीवन काल में ठाकुर जी से असहमति रखी आज वो सभी लोग उनकी जयंती मना रहे हैं। जिसकी उन्हें प्रसन्नता है।
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