पूसा में देश का पहला प्राकृतिक खेती विद्यालय किया गया शुरू, कृषि के क्षेत्र में लाएगा नई क्रांति
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समस्तीपुर/पूसा :- डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। देश में पहली बार नेचुरल फार्मिंग कोर्स की शुरुआत हुई है। यह कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लायेगा। वर्तमान में विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ नेचुरल फार्मिंग की शुरुआत हुई है। आने वाले समय में कॉलेज ऑफ नेचुरल फार्मिंग के साथ पीजी और पीएचडी की शिक्षा की भी शुरुआत होगी। जरूरत है संकल्पित भाव व बुलंद हौसले से इसकी शिक्षा की शुरुआत करने की। साथ ही छात्रों को अभी से एक्सपरमेंट की आदत डालने की। वे मंगलवार की शाम विश्वविद्यालय के ईंख अनुसंधान केंद्र के सभागार में प्राकृतिक खेती विद्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कररहे थे।
कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार ने कहा कि प्राचीन काल से ही देश में प्राकृतिक खेती होती थी। आज भी कुछ टाल और दियारा क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की पद्धति प्रचलन में है। मौके पर निर्देशक शिक्षा डॉ. उमाकांत बेहरा, निदेशक गन्ना अनुसंधान केंद्र डॉ. एके सिंह, निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रंजन लायक ने भी विचार रखें।
स्वागत करते हुए पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. मयंक राय ने सभी छात्रों का परिचय कुलपति से कराया और प्राकृतिक खेती को लेकर विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी योजनाओं के विषय में विस्तार से चर्चा की। संचालन डॉ. राजीव कुमार श्रीवास्तव व धन्यवाद डॉ. शंकर झा ने किया। मौके पर निदेशक डॉ एमएस कुंडू, डॉ.एसएस प्रसाद, डॉ, मो अब्बास अहमद, डॉ आरके रंजन, डॉ राजीव कुमार, डॉ कुमार राजवर्धन डॉ सीके झा, डॉ नवनीत कुमार आदि मौजूद थे।