समस्तीपुर :- बीते दिनों उजियारपुर थानाध्यक्ष अनिल कुमार को एसपी विनय तिवारी ने लाइन क्लोज कर दिया था। उनकी जगह पर एसपी ने डीआईयू शाखा में तैनात पुलिस अवर निरीक्षक मुकेश कुमार को उजियारपुर थाने की कमान सौंपी है। बुधवार की शाम मुकेश कुमार ने उजियारपुर थाना पहुंच पदभार ग्रहण कर लिया है।
थानाध्यक्ष के रूप में योगदान करते हुए डीआईयू शाखा के मुकेश कुमार ने बताया कि मेरी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में शांति स्थापित करना, अपराध पर पूरी तरह लगाम लगाना व पुलिस और पब्लिक के बीच अच्छा संबंध स्थापित करना होगा। उन्होंने इसके लिए क्षेत्र के लोगों को भी पुलिस को मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में अशांति फैलाने वाले बख्शे नहीं जाएगें। अच्छे लोगों का सम्मान करना व अशांति फैलाने वालों लोगों तथा आपराधिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करना मेरी पहली प्राथमिकता है।
बता दें की पूर्व थानाध्यक्ष अनिल कुमार पर एक प्राइवेट व्यक्ति से थाना पर कार्य कराने का आरोप था। स्थानीय लोगों का आरोप था की उक्त प्राइवेट कर्मी का शराब माफियाओं के साथ भी साठगांठ है। जिससे वह मोटी रकम की वसूली भी करता था। स्थानीय लोगों का आरोप था की उक्त प्राइवेट कंप्यूटर कर्मी लोगों से प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए भी पैसों की वसूली करता था। जिसकी जानकारी अनिल कुमार को पहले से थी।
एसपी को जब इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने दलसिंहसराय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से इसकी जांच कराई तो मामला सत्य पाया गया। जिसके बाद अनिल कुमार को थानाध्यक्ष पद से हटाकर उन्होंने लाइन हाजिर कर दिया। बता दें कि अपने कार्यकाल के दौरान अनिल कुमार पर पहले से भी कई आरोप लगते रहे हैं।
एसपी विनय तिवारी को अपनी डीआइयू टीम (जिला आसूचना इकाई) पर ज्यादा भरोसा है। एक साल के अपने कार्यकाल के दौरान कार्य में लापरवाही को लेकर विनय तिवारी ने आधे दर्जन से अधिक थानाध्यक्षों पर कार्रवाई कर चुके है। खाखी पर हमेशा से आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं लेकिन एसपी द्वारा की जा रही लगातार कार्रवाई से पुलिस महकमे में हलचल मची रहती है। आरोप की जांच होने के बाद मामला सत्य पाये जाने पर वह कारवाई करने में देर तक नहीं करते हैं।
समस्तीपुर एसपी द्वारा इससे पहले भी अन्य थानों में डीआईयू टीम के पदाधिकारियों को थानाध्यक्ष के रूप में भेजा जा चुका है। बता दें की डीआइयू का नेतृत्व स्वयं जिले के पुलिस कप्तान करते हैं। इस टीम में एसपी के द्वारा विश्वासी व तेज तर्रार पदाधिकारी को रखा जाता है। डीआइयू टीम में पदस्थापित पुलिसकर्मी तकनीकी तौर पर काफी जानकार होते हैं। जिसके चलते जटिल से जटिल मामलों में फौरन सफलता मिल रही है। कल्याणपुर का मोस्ट-वांटेड अपराधी रमेश ठाकुर भी लोगों के लिये सर दर्द बना हुआ था। घटना को अंजाम देकर वह नेपाल भाग जाता था। लेकिन एसपी के नेतृत्व में डीआईयू की टीम ने उसे काफी मशक्कत के बाद धर-दबोचा है। इस टीम में उजियारपुर के नवनियुक्त थानाध्यक्ष सब-इंस्पेक्टर मुकेश कुमार भी शामिल थे।
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