समस्तीपुर :- जिलावासियों के लिए अच्छी खबर है। लोगों को जल्द ही चाइल्ड एंड मेटरनिटी हॉस्पिटल की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। कुपोषित माता व बच्चों को अब डीएमसीएच व पीएमसीएच जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बेहतर से बेहतर सुविधा सदर अस्पताल में ही उपलब्ध हो जाएगी। सदर में 33 करोड़ रुपए की लागत से चाइल्ड एंड मेटरनिटी सेंटर का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है।
सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अप्रैल के पहले सप्ताह से यह केंद्र काम करने लगेगा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है। इस अस्पताल के शुरू होने से गंभीर मातृ शिशु को दरभंगा और पटना भेजने का झंझट समाप्त हो जाएगा। इस केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अभी गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दरभंगा और पटना रेफर कर दिया जाता है। जिस रास्ते में ही अधिकतर बच्चों की मौत हो जाती है।
सिविल सर्जन डॉक्टर एस के चौधरी ने कहा कि भवन निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, बहुत जल्द ही भवन निर्माण विभाग इस भवन को स्वास्थ्य विभाग को सौंप देगी। जिसमें 100 मरीजों की क्षमता वाले मृति और शिशु अस्पताल काम करने लगेगा। इस सेंटर के शुरू होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत मिलेगी और वह निजी क्लिनिक के आर्थिक दोहन से बच सकेंगे। इसमें मां और नवजात के इलाज से जुड़ी सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें अत्याधुनिक सुविधा, विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावे पैथोलॉजीकल जांच की भी व्यवस्था होगी। इस MCH हॉस्पिटल शुरू होने पर जच्चा-बच्चा को बेहतर इलाज मिल सकेगा, जिससे मौतों में कमी आएगी।
समस्तीपुर जिले भर में एक माह में औसतन 15 बच्चों की मौत होती है। स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा देखें तो जिले के विभिन्न अस्पतालों में एक माह में औसतन 0 से 5 वर्ष के कम से कम 15 बच्चों की मौत उचित उपचार वह देखने के अभाव में हो जाती है। सदर अस्पताल में चाइल्ड एंड मेटरनिटीर सेंटर के खुल जाने से उन बच्चों उपचार देने में सुविधा मिलेगी। मौत का आंकड़ा घटेगा।
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