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‘सुरक्षित शनिवार’ की आड़ में रविदास को भूलाने का प्रयास, जानें क्या है मामला…

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समस्तीपुर/विभूतिपुर :- [विनय भूषण] :- समाज में व्याप्त अज्ञान रुपी अंधकार का हरण और कुरीतियों के तमस का अंत करने के लिए एक महापुरुष का जन्म माघ मास की पूर्णिमा को सन् 1376 ईस्वी में हुआ था। उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में जन्मे इस महापुरुष का नाम हर कोई संत शिरोमणि कवि रविदास के रुप में जान रहा है। ऐसी शख्सियत को सुरक्षित शनिवार की आड़ में भूलाने का प्रयास जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान समस्तीपुर के माधवेन्द्र कुमार राय ने कार्यालय से पत्र जारी कर किया है।

यह पत्र सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड लेखापाल सभी प्रधानाध्यापक प्रारंभिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय जिला समस्तीपुर को आदेशित पत्र 21 फरवरी 2024 को जारी की गई है। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा (सुरक्षित शनिवार) कार्यक्रम अंतर्गत फरवरी माह के चौथा शनिवार दिनांक 24.02.2024 (शनिवार) को वार्षिक समय सारणी (वैगन व्हील) के अनुसार जल एवं भूमि का संरक्षण, वायु प्रदूषण एवं पेड़ पौधे का संरक्षण के संदर्भ में जानकारी एवं मॉक ड्रिल का आयोजन सभी विद्यालयों में बच्चों के बीच फोकल शिक्षक/बाल प्रेरकों के द्वारा कराते हुए जिन-जिन विद्यालयों में बाल प्रेरक का चयन आपदा प्रबंधन समिति का गठन एवं आपदा प्रबंधन एवं योजना का निर्माण आज तक नहीं हुआ है, उन सभी विद्यालयों में बाल प्रेरक का चयन, आपदा प्रबंधन समिति का गठन एवं आपदा प्रबंधन एवं योजना का निर्माण कराया जाना है।

अतः उक्त के संदर्भ में निदेश का पालन अनिवार्य रुप से कराना सुनिश्चित करेंगे। यहां किए गए कार्यक्रम से संबंधित आंकड़ों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रविष्टि अपलोड विद्यालय द्वारा कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही 1:30 बजे अपराह्न तक निश्चित रूप से अच्छा फोटोग्राफ/वीडियोग्राफ के साथ विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन जिला कार्यालय के ईमेल अथवा व्हाट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। हैरतअंगेज करने वाली बात तो यह है कि कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए जारी की गई अवकाश तालिका को ना सिर्फ नजरअंदाज किया गया है बल्कि, संत शिरोमणि रविदास को ही भूलाने की साजिश की गई है।

इधर, आलाधिकारी के कृत्यों को लेकर मामले ने तूल पकड़ लिया है। संत शिरोमणि रविदास को मानने वाले लोग न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में है। इनका कहना है कि जानबूझकर एक साजिश के तहत संत शिरोमणि की अपेक्षा करते हुए इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। जबकि, व्यवहार न्यायालय रोसड़ा के अधिवक्ता रंजीत कुमार बताते हैं कि यह एक आपराधिक मामला की श्रेणी में आता है। अगर, इसकी शिकायत को लेकर लोग उनके पास पहुंचते हैं तो संत शिरोमणि रविदास की अपेक्षा समेत अन्य चीजों को दर्शाते हुए न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई जाएगी।

पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने बताया कि कार्यालय से जारी पत्र को नॉलेज में लिया जा रहा है। इसके बाद हीं कुछ कहा जा सकता है। वहीं माधवेंद्र कुमार राय जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान समस्तीपुर बताते हैं कि कैलेंडर मिलन में चूक हुई होगी। कार्यालय आदेश स्थगित करते हुए शुद्धि पत्र जारी की जाएगी।

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