समस्तीपुर :- शहर के मोहनपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलर्स में बीते 28 फरवरी की शाम लगभग 8:00 बजे आधा दर्जन से अधिक अपराधियों के द्वारा करोड़ों रुपए के सोने-हीरे व अन्य आभूषण और नगद लूट मामले में मुफस्सिल थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान तेज कर दिया है। मुफस्सिल थाने की पुलिस ने स्टोर की मैनेजर दिलीप कुमार गिरी के फर्द बयान पर प्राथमिक की दर्ज की है।
स्टोर के मैनेजर ने अपने फर्द बयान में पुलिस को बताया कि 28 फरवरी को रात्रि करीब 8:00 बजे जब वह कैश काउंटर पर थे और रिपोर्ट क्लोज करने की तैयारी कर रहे थे तभी दो-तीन व्यक्ति आधा खुला शोरूम के दरवाजे से अंदर आने लगे। इस पर गार्ड द्वारा पूछा भी गया कि क्या बात है? तब तक सभी बदमाश गार्ड को धक्का देते हुए अपनी उंगली की तरफ इशारा करते हुए कहा की अंगूठी का साइज देना है और गार्ड को धक्का देखकर अंदर घुस गए। इस दौरान सभी अपराधियों ने हथियार निकाल लिया व धक्का देकर गार्ड को नीचे गिरा दिया। बदमाशों की संख्या 8 थी जिसमें से 3 व्यक्ति नकाब व टोपी और मफलर लगाए हुए थे, जबकि 5 व्यक्ति का चेहरा खुला हुआ था।
इस दौरान ज्वेलरी शोरूम में कुल 13 कर्मी व दो ग्राहक बैठे हुए थे। अपराधियों के द्वारा ग्राहक सुधाकर राय व संजय पासवान जो अपने गोल्ड ज्वेलरी की डिलीवरी लेने आए हुए थे उनके जेब से भी लगभग 6 लाख रुपये नगद निकाल लिया। इस दौरान वहां मौजूद अन्य बदमाशों के द्वारा हथियार व पिस्टल से गहने के शोकेस को तोड़कर उसमें से गहना निकाल कर साथ लेकर आए झोले में भरना शुरू कर दिया।
ग्राहक सुधाकर राय और संजय पासवान जो ज्वेलरी की डिलीवरी लेने आए हुए थे उन्हें भी बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया गया और स्टोर से लगभग 10237.563 ग्राम सोना के जेवरात व कैश काउंटर पर रखें 1 लाख 41 हजार 366 रुपए निकाल कर झोले में भर लिया। इस दौरान बदमाशों ने हथियार से काउंटर भी तोड़ा था जहां एक देसी रिवाल्वर, एक मैगजीन और तीन गोली छूट गई।
इस दौरान सभी बदमाश आभूषण झोले में लेकर शोरूम से बाहर निकल गये और मोहनपुर की ओर दक्षिण दिशा में मोटरसाइकिल से फरार हो गये। लूटे गये आभूषणों की कीमत लगभग आठ करोड़ रुपये बताई जा रही है। यहां बता दें कि फर्द बयान में सिर्फ सोने और नगद की चर्चा है। कितने रूपये का हीरा था यह चर्चा नहीं है। हीरे का दाम जोड़ने पर लूट की रकम और बढ़ सकती है। लूटे गये आभूषणों की रकम गुरुवार को सबसे पहले समस्तीपुर टाउन मीडिया ने ही बताया था। शुरुआत में लूट की रकम सिर्फ डेढ़ से दो करोड़ बताई जा रही थी।
आभूषण लूटकांड मामले को लेकर शुक्रवार की दोपहर मिथिला प्रक्षेत्र के डीआईजी बाबू राम ने रिलायंस ज्वेलरी शोरूम पहुंचकर जाँच की। डीआईंजी बाबू राम के घटनास्थल पर पहुँचने के बाद पुलिस-प्रशासन में खलबली मच गई। इस दौरान सभी पुलिस अधिकारी वहां मौजूद रहे। डीआईजी ने स्टोर के सभी कर्मियों से अलग-अलग पूछताछ की व सीसीटीवी फुटेज को भी देखा।
घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मीडियाकर्मियों को डीआईजी ने बताया कि घटना में शामिल गिरोह को चिन्हित कर लिया गया है। छानबीन चल रही है जल्द ही लूटकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी कर मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा। पुलिस लगातार छापेमारी में जुटी हुई है। पुलिस को कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं।
वहीं लूट के जेवरात की रकम को लेकर समस्तीपुर टाउन मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा की आभूषण का मिलान किया जा रहा है, मिलान होने के बाद एडजेक्ट फिगर आएगा। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज होने की सवाल को टाल दिया। वहीं इस लूटकांड को लेकर पुलिस ने गुरुवार को ही स्टोर के मैनेजर के फर्द बयान पर मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
उधर घटनास्थल के निरीक्षण के बाद मीडिया कर्मियों से रूबरू होकर डीआईजी सीधे समाहरणालय परिसर पहुंचे जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने की तैयारी की जा रही थी। इस दौरान बाबूराम बिना कुछ बोले सीधा एसपी कार्यालय की तरफ बढ़ गए। इस दौरान सदर एसडीपीओ सह एएसपी संजय कुमार पांडे, मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी भी उनके साथ एसपी के चेंबर में चले गए। जहां करोड़ों के लूटकांड की घटना को लेकर उन्होंने पुलिस पदाधिकारी से अब तक के जांच की समीक्षा की व उन्हें आवश्यक निर्देश दिये।
शहर के अंदर हुई इतनी बड़ी लूट की घटना को लेकर जहां पुलिस की कार्यशैली और पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है वहीं ज्वेलरी शॉप की भी लापरवाही देखने को मिली। ज्वेलरी शॉप की सुरक्षा को लेकर संचालक के द्वारा एक भी बंदूकघारी गार्ड नहीं रखा गया था। वहीं इसकी सुरक्षा को लेकर जिला पुलिस से कोई लिखित मांग नही की गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी आराम से निकल गए।
इस दौरान स्टोर के मैनेजर या उनके कर्मियों द्वारा अपराधियों के निकलने के बाद सायरन भी नहीं बजाया गया। कर्मियों ने बाहर निकलकर आसपास के लोगों व पुलिस को सूचना दी, तब तक अपराधी काफी दूर निकल गये। अगर अपराधियों के बाहर निकलते ही शोरूम के मैनेजर द्वारा सायरन बजा दिया जाता तो बाहर इतनी भीड़भाड़ रहती है जिससे कुछ अपराधी पकड़ में भी आ सकते थे। इस लूटकांड की घटना को लेकर स्टोर कर्मी व पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा मीडिया से दूरी बनाई जा रही है। एफआईआर हो जाने की बात से भी पुलिस इंकर कर रही है।
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