समस्तीपुर :- बिहार की सबसे बड़ी जेलों में से एक, बेउर सेंट्रल जेल संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में रही है। कुछ महीनों पूर्व देहरादून में रिलायंस ज्वेलर्स में 20 करोड़ रुपये के आभूषण की डकैती का तार पहले ही इस जेल से जुड़ चुका है। अब समस्तीपुर शहर के मोहनपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलर्स में हुए 8 करोड़ों रुपये के आभूषण लूटपाट मामले में भी पुलिस बेउर जेल पटना में बंद समस्तीपुर के शेखोपुर निवासी राजीव सिंह उर्फ पुल्लू सिंह उर्फ सरदार व मोकामा के सुबोध सिंह से जोड़कर देख रही है। लेकिन अब तक पुलिस को कोई खास सफलता हाथ लगती नहीं दिखाई दे रही है।
समस्तीपुर पुलिस द्वारा सभी 8 लूटेरों की तस्वीर भी सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की गई है। लूटकांड की घटना के बाद से पुलिस की अलग-अलग टीमें अलग-अलग जगहों पर जाकर लगातार छापेमारी में जुटी हुई है। लूटकांड की घटना को अंजाम देने वाले सभी बदमाश पेशेवर दिखाई दे रहे हैं। पिछले 9 नवंबर को देहरादून के राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलर्स से भी 20 करोड़ रुपये के सोना लूट की घटना को अंजाम दिया गया था।
इस लूटकांड का तार भी बेउर जेल में बंद पुल्लू सिंह व सुबोध सिंह से जुड़ गया है। हाल ही के महीने में बिहार एसटीएफ और देहरादून पुलिस की संयुक्त टीम ने सोना लूट कांड के मास्टर माइंड में से एक शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को बेउर जेल से जमानत पर बाहर निकलते ही फिर से गिरप्तार कर लिया। सोनू सहरसा जिले के सिमरी-बख्तियारपुर थाना अंतर्गत सोनापुर गांव निवासी है।
बेउर जेल में बंद सोनू राजपूत के जमानत का आदेश जब बेउर जेल पहुंचा तो सोनू को दोबारा अपने गिरफ्तारी की भनक लग गई। लेकिन डर से उसने बेउर जेल प्रशासन को मैनेज कर लिया और अवैध रूप से जेल के अंदर ही छिपा रहा। लेकिन बीते महीने जब यह मामला गृह विभाग तक पहुंचा तो सोनू को रिहा कर दिया गया। लेकिन जेल से बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे दुबारा दबोच लिया। सोनू राजपूत बेउर जेल में बंद पुल्लू व सुबोध के साथ मिलकर देश के अलग-अलग राज्यों में सोना लूटकांड की घटना का प्लानिंग करता था और जेल के भीतर से ही फोन के माध्यम से अपने गुर्गों को प्लानिंग समझाता था।
बेउर जेल में बंद पुल्लू सिंह व सुबोध सिंह वीपीएन सर्वर का उपयोग करके जेल के भीतर से अपनी नापाक गतिविधियों को अंजा देने के लिए वीओआईपी कॉल और इंस्टाग्राम, फेसबुक मैसेंजर जैसे इंटरनेट-आधारित मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से काम करता है। यह उस व्यक्ति और उस सेल नंबर की ट्रैकिंग से बचने के लिए किया जाता है जिससे फोन संचालित किया जा रहा है।
बताया कि लूटपाट के दौरान हथियार का प्रयोग करने वाले गिरोह के सदस्यों को जेल से ही फोन पर हथियार उपलब्ध कराये जाते थे। यहां तक कि पुल्लू सिंह व सुबोध सिंह के कहने पर गाड़ी और अन्य सहायता भी प्रदान दी जाती है। पता चला है कि बेउर के अधिकारियों की मदद से परिवार के सदस्य चोरी-छिपे मोबाइल फोन ले जाकर पहुंचा देते थे। अब जेल प्रशासन की मिलीभगत से कैदियों को मोबाइल फोन मिलते हैं। सूत्रों के अनुसार फोन, सिम कार्ड, ड्रग्स और सर्जिकल ब्लेड जैसी प्रतिबंधित वस्तुएं अक्सर जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी-छिपे लाई जाती हैं।
समस्तीपुर के शेखोपुर का रहने वाला राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लू सिंह और मोकामा के सुबोध सिंह का नाम उन अपराधियों में आता है, जो अक्सर सोना लूट कांड को ही अंजाम देने में विश्वास रखता है। बेउर जेल में बंद रहते हुए भी दोनों झारखंड-बिहार-बंगाल से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों तक सोना लूट की घटनाओं को अंजाम देता रहा है। अब तक जितनी भी सोना डकैती की घटना हुई है, ज्यादातर घटनाओं में पुल्लू सिंह व सुबोध सिंह के गैंग का ही नाम आया है। इन्होंने अब तक कई क्विंटल सोना लूटकांड की घटना को अंजाम दिया है। इसी पुल्लू सिंह और सुबोध सिंह के गैंग का नाम अब समस्तीपुर रिलायंस ज्वेलरी लूटकांड से भी जोड़कर पुलिस जांच कर रही है। इसी गैंग के रमेश ठाकुर को समस्तीपुर पुलिस ने कुछ महीनों पूर्व काफी मशक्कत के बाद कल्याणपुर थाना क्षेत्र से दबोचा था। इस गैंग के द्वारा भारत के अलग-अलग राज्यों में सोना लूटकांड की घटना तो अंजाम दी ही गई है इसके अलवा इनके गुर्गों के द्वारा मुख्य रूप से नेपाल में छीपे रहने की बात बताई जाती है। नेपाल में भी सोना लूटकांड की घटना को इस गैंग के द्वारा अंजाम दिया जा चुका है।
बेउर में बंद सुबोध सिंह 2017 में जयपुर मानसरोवर में मुथूट फाइनांस के दफ्तर से 25 किलोग्राम सोना लूट चुका है। उस पर दो दर्जन से अधिक ज्वेलरी दुकान और बैंक लूट के अलावा कई हत्याओं के मामले दर्ज हैं। वह मोकामा का रहने वाला है। वहीं वर्ष 2019 में एक हत्या के मामले में समस्तीपुर के शेखोपुर निवासी राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लू उर्फ सरदार बेउर जेल पहुंचा था। जेल में ही उसकी पहचान सुबोध से हो गई। बाद में सुबोध के साथ मिल कर राजीव लूट-डकैती गैंग का संचालन करने लगा। बताया जाता है कि अभी तक सुबोध सिंह का गैंग कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, बंगाल, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कई क्विंटल सोना लूट चुका है।
सुबोध सिंह के लिए जेल, जेल नहीं एक आरामगाह है। सुबोध सिंह जेल में रहकर उन सारी सुविधाओं का मजा लेता है जिन सुविधाओं के लिए जेल के बाहर भी लोग तरसते हैं। जेल के अंदर बैठे-बैठे ही देशभर में सोना लूट का साम्राज्य चलाता है। मौखिक रुप से उसने जेल में अपने लिये एक वार्ड भी खरीद रखा है, जहां सुबोध और उसके गुर्गों के लिये सारी सुख सुविधा उपलब्ध है। सुबोध अपने गैंग के लोगों को बेउर जेल आने पर अपने ही बैरक में रखवा लेता है।
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