समस्तीपुर :- समस्तीपुर के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग के तहत अग्निकांड एवं लू से निबटने की तैयारियों की समीक्षा बैठक समाहरणालय के वीसी रूम में की गई। इसमें वीसी के माध्यम से सभी अंचल अधिकारी जुड़े हुए थे। बैठक में जिले में घटित अग्निकांड की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा की गई। अग्निकांड से प्रभावित परिवारों को राहत अनुदान उपलब्ध कराने के संबंध में अंचलवार समीक्षा की गयी।
इसके दौरान पाया गया कि विद्यापतिनगर अंचल में मानव क्षति के एक मामलों में भुगतान लंबित है। इस पर जिला पदाधिकारी के द्वारा काफी नाराजगी व्यक्त की गई तथा अविलंब भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। जिले में अग्निकांड से मृत पशुओं की संख्या 32 है जिनमें मुआवजा भुगतान लंबित है। ये अंचल हैं, हसनपुर, शिवाजीनगर, मोहनपुर, समस्तीपुर, रोसड़ा और उजियारपुर है।
अग्निकांड से पशु क्षति के मामले में भुगतान नहीं होने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा इन अंचलों के अंचलाधिकारियों की कार्यशैली पर अप्रसन्नता व्यक्त की गई तथा इन 6 अंचलाधिकारियों के वेतन निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई। जिला पदाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया अग्निकांड की घटना प्रतिवेदित होने पर अंचलाधिकारी हर हाल में भौतिक रूप से घटना स्थल पर जायेंगे।
मानव क्षति और पशु क्षति के मामले में अनुमंडल पदाधिकारी अनिवार्य रूप से घटना स्थल पर जायेंगे। अग्निकांड से फसल क्षति के मामले अविलंब घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया गया। 1 अप्रैल 2024 से अबतक 288.36 एकड़ रकबा में लगी गेहूं की फसल अगलग्गी की घटना से जल चुकी है। जिससे पीड़ित परिवारों की संख्या 268 है।
ये फसल क्षति के मामले मोरवा, पटोरी, मोहनपुर, मोहिउद्दीननगर, विद्यापतिनगर, सरायरंजन, शिवाजीनगर, समस्तीपुर तथा उजियारपुर अंचल से संबंधित हैं। इन फसल क्षति के मामलों में भुगतान लंबित रहने पर जिला पदाधिकारी के द्वारा काफी नाराजगी व्यक्त की गई। डीएम ने अधिकारियों को अपने कार्यों के प्रति सजग रहने का आदेश दिया।
बताते चलें की इस साल जनवरी से अबतक कुल अग्निकांड के 110 मामलों के 292 पीड़ित परिवारों में से 252 परिवारों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। मुआवजा भुगतान के सर्वाधिक 13 लंबित मामले बिथन अंचल के है। जिला पदाधिकारी के द्वारा हर हाल आज ही भुगतान करने का निर्देश दिया गया। जिले में प्रतिवेदित अग्निकांड के कुल 110 मामलों में गृह क्षति के 292 मामले प्रति वेदित हैं ,जिनमे मुवावजा भुगतान का निर्देश दिया गया।
बढ़ते भीषण गर्मी एवं लू को देखते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर पेय जल प्यायुं उपलब्ध कराने का निर्देश नगर विकास एव आवास विभाग को दिया गया। ये प्यायूँ आदर्श आचार संहिता के दायरे में होना चाहिए। हैंड पंप खराब होने पर टैंकर से पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। पशुओं को होने वाली बीमारी पर नजर रखने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया।
जिला पदाधिकारी के द्वारा बढ़ते हुए गर्मी को देखते जिले के सभी विद्यालयों को ओआरएस पैकेट रखने और स्वास्थ्य विभाग से सामंजस्य करने का निर्देश दिया गया। बैठक के दौरान बताया गया की जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर ओआरएस उपलब्ध है। कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया गया की वे सभी ट्रांसफार्मरों पर नजर रखें। बैठक में नगर आयुक्त केडी प्रोज्जवाल, अपर समाहर्ता आपदा राजेश कुमार सिंह, जिला पंचायती पदाधिकारी विष्णुदेव मंडल, सिविल सर्जन एसके चौधरी, डीपीओ आईसीडीएस एवं अन्य उपस्थित थे।
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