समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

SamastipurAgricultureNEWS

खेतों में नमी को देखते हुए किसान इस चीज की करे बोआई, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों की सलाह

IMG 20231027 WA0021

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े 

समस्तीपुर : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने किसानों को सलाह दिया है विगत मौसम पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में वर्षा हुई है। इस कारण खेतों में पर्याप्त नमी आ गई है। किसान इसका फायदा उठाते हुए मक्का, ज्वार, बाजरा तथा लोबिया की बोआई करें। हरी खाद के लिये सनई और ढैंचा की बोआई करें। जिन किसानों का खेत खाली है तथा वे खरीफ धान की नर्सरी समय से लगाना चाहते हैं वैसे किसान खेत की तैयारी शुरू कर दें।

स्वस्थ पौध के लिए नर्सरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करें। एक हेक्टयेर क्षेत्रफल में रोपाई हेतु 800 से 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिरावें। नर्सरी में क्यारी की चौड़ाई 1.25 से 1.5 मीटर तथा लम्बाई सुविधा अनुसार रखें। बीज की व्यवस्था प्रमाणित स्त्रोत से करें। देर से पकने वाली किस्मों की नर्सरी 25 मई से लगा सकते हैं। किसान रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप मिट्टी में छिपे कीड़ों के अंडे, प्यूपा एवं घास के बीज नष्ट हो जाये।

IMG 20240508 WA0009

IMG 20230604 105636 460

खरीफ धान की नर्सरी के लिए खेत की तैयारी करें। स्वस्थ पौध के लिए नर्सरी में सड़ी हुई गोबर की खाद का व्यवहार करें। खरीफ मक्का के खेती के लिये खेत की जुताई में 10 से 15 टन गोबर की सडी़ खाद प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित मक्का की किस्में सुआन, देवकी, शक्तिमान-1, शक्तिमान-2, राजेन्द्र संकर मक्का-3, गंगा-11 है। खरीफ मक्का की बोआई 25 मई से करें. अदरक की बाेआई शुरू करें। अदरक की मरान एवं नदिया किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है।

IMG 20230728 WA0094 01

खेत की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 30 से 40 किलोग्राम, स्फूर 50 किलोग्राम, पोटास 80 से 100 किलोग्राम जिंक सल्फेट 20 से 25 किलोग्राम एवं बोरेक्स 10 से 12 किलोग्राम प्रति हेक्टयेर की दर से व्यवहार करें। अदरक के लिये बीज दर 18 से 20 क्विटंल प्रति हेक्टयेर रखें। बीज प्रकन्द का आकार 20-30 ग्राम जिसमें 3 से 4 स्वस्थ कलियां हो। रोपाई दकी दूरी 30 गुणा 20 सेमी रखें। अच्छे उपज के लिए रीडोमिल दवा के 0.2 प्रतिशत घोल से उपचारित बीज की बोआई करें।

Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaled

भिंडी की फसल में फल एवं परोह बेधक कीट की निगरानी करें। इसके पिल्लू भिंडी की फलों के अन्दर छेद बनाकर उसके अन्दर घुसकर फलों को खाते हैं तथा इसे पूरी तरह नष्ट कर देते हैं। इसकी रोकथाम के लिए सर्वप्रथम प्रभावित फलों को तोड़कर मिट्टी के अंदन दबा दें। अधिक नुकसान होने पर डाईमेथोएट 30 इसी दवा का 1.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

IMG 20230701 WA0080

उड़द और मूंग की फसल में पीला मोजैक वायरस से ग्रस्त पौधों उखाड़कर नष्ट कर दें। यह रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है। इसके शुरुआती लक्षण पत्तियों पर पीले धब्बे के रूप में दिखाई देता है, बाद में पत्तियां तथा फलियां पूर्ण रूप से पीली हो जाती है। इन पत्तियों पर उत्तक क्षय भी देखा जाता है। फलन काफी प्रभावित होता है। लत्तर वाली सब्जियों नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू) तथा खीरा फसलों में फल मक्खी कीट की निगरानी करें।

IMG 20240303 WA0043

इन फसलों को क्षति पहुंचाने वाला यह प्रमुख कीट है। यह घरेलू मक्खी की तरह दिखाई देने वाली भूरे रंग की होती है। मादा कीट मुलायम फलों की त्वचा के अन्दर अंडे देती है। अंडे से पिल्लू निकलकर अन्दर ही अन्दर फलों के भीतरी भाग को खाता है। जिसके कारण पूरा फल सड़ कर नष्ट हो जाता है। इस कीट का प्रकोप शुरू होते ही 01 किलोग्राम छोआ, 2 लीटर मैलाथियान 50 इसी को 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टयेर की दर से 15 दिनों के अन्तराल पर दो बार छिड़काव करें।

IMG 20240426 WA0004

IMG 20240414 WA0005

IMG 20230818 WA0018 02

20201015 075150