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समस्तीपुर के निजी विद्यालयों में सत्र के शुरुआत के महीने भर बाद भी RTE के तहत नामांकन नहीं

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समस्तीपुर: एक अप्रैल से जिले की सभी निजी विद्यालयों में सत्र 2024-25 की शुरुआत हो गई है। सत्र की शुरुआत हुए एक माह गुजर गये। लेकिन, एक माह बाद भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। जबकि सभी निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीट गरीब बच्चों के लिए आरक्षित है। ऐसे में आरटीई के तहत नामांकन लेने वाले गरीब छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

विदित हो कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को 25 प्रतिशत नामांकन गरीब बच्चों का करना है। लेकिन, शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अबतक कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में अभिभावकों की बेचैनी बढ़ गई। अभिभावक प्रतिदिन शिक्षा विभाग का कार्यालय जाकर नामांकन के बारे में जानकारी ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक माह बाद भी नामांकन प्रक्रिया शुरू नहीं होने से बच्चों का पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है।

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अभिभावक आरटीई के तहत नामांकन कराने को ले अपने बच्चों का दूसरी जगह दाखिला नहीं करा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि विलंब से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी। विभागीय जानकारी के अनुसार, इस बार आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होनी है। ऐसे में पोर्टल निर्माण का काम चल रहा है। इसके बाद नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरूआत होगी। जिस कारण विलंब हो रहा है।

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विदित हो कि जिले में 492 प्रस्वीकृति प्राप्त विद्यालय है लेकिन ज्ञानदीप पोर्टल पर अबतक मात्र 250 प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालय ही पंजीकृत हुए है। विभूतिपुर के 17, बिथान के 2, दलसिंहसराय के 19, हसनपुर के 9, कल्याणपुर के 23, खानपुर के 4, मोहनपुर के 11, मोहिउद्दीननगर के 4, मोरवा के 15, पटोरी के 6, पूसा के 15, रोसड़ा के 20, समस्तीपुर के 31, सरायरंजन के 10, शिवाजीनगर के 8, सिंघिया के 3, ताजपुर के 8, उजियारपुर के 22, विद्यापतिनगर के 8, वारिसनगर के 15 निजी विद्यालय ही ज्ञानदीप पोर्टल पर पंजीकृत हुए है।

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एक कटु सत्य यह भी है कि जिले में शिक्षा के अधिकार के नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित हो रहे है। इसके कई नियमों का पालन निजी स्कूलों द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शिक्षा के अधिकारी अधिनियम के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं है। जिससे बच्चों को इस अधिकार का फायदा नहीं मिल पा रहा है।

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इधर विभाग का कहना है कि निजी स्कूलों में अब शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लेकर स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में होने वाले नामांकन की निगरानी की जाएगी। इसके लिए विभाग ने ज्ञानदीप पोर्टल तैयार कराया गया है। अब जिले के निजी विद्यालयों में ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से आरटीई नामांकन की निगरानी होगी। इसके तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसद सीटों पर अब अभिवंचित वर्ग के बच्चों का ऑनलाइन नामांकन होगा। अब स्कूलों में नामांकन स्कूल के स्तर पर नहीं, बल्कि शिक्षा अधिकारियों के स्तर से होगी। इसमें केन्द्रीयकृत व्यवस्था की गई है। लेकिन सच्चाई किसी से छिपी नहीं है। जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है और राशि निजी विद्यालय के पास।

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