बिहार में पहली बार समस्तीपुर पुलिस ने चलने के तरीके से अपराधियों को पहचानने में पाई सफलता, अब चेहरा ढंककर भी नहीं बच पायेंगे क्रिमिनल
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर जिले में पिछले साल अप्रैल महीने में बीते कुछ दिनों के अंतराल पर ग्रामीण बैंक के तीन विभिन्न शाखाओं में हुए लूटकांड मामले में समस्तीपुर पुलिस ने पहली बार गेट एनालिसिस (चाल विश्लेषण) टेस्ट का उपयोग किया है। बिहार का समस्तीपुर पहला ऐसा जिला बना जहां पहली बार किसी मामले के अनुसंधान में गेट एनालिसिस टेस्ट का प्रयोग किया है। तीनों बैंक लूटकांड मामले में समस्तीपुर पुलिस पहले ही चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
लूट के दौरान सभी अपराधियों ने नकाब का प्रयोग किया था। पुलिस ने अपने अनुसंधान के दौरान लगभग दो सौ सीसीटीवी (CCTV) व 600 मोबाइल नंबर खंगालने के बाद चार अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। गिरफ्तार अपराधी ही बैंक लूट के दौरान बैंक में मौजूद थे इसकी पहचान जानने के लिए समस्तीपुर पुलिस ने पहली बार गांधीनगर FSL के सहयोग से गेट (Gait) एनालिसिस टेस्ट का सहारा लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस का जांच रिपोर्ट भी पाॅजिटिब आया है। इसके बाद तमाम सबूतों के आधार पर फाइल बनाकर समस्तीपुर पुलिस ने कोर्ट को सौंप दिया है। समस्तीपुर एसपी विनय तिवारी ने बताया कि ये पहली बार था जब बिहार में गेट एनालिसिस को एक फॉरेंसिक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में समस्तीपुर पुलिस को पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अब उत्तर बिहार के समस्तीपुर जिले में रिलांयस ज्वेलरी में हुए सबसे बड़े सोना लूटकांड मामले में भी गेट एनालिसिस (चाल विश्लेषण) के माध्यम से जांच करवा रही है ताकि पता चल सके की गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति ही रिलायंस लूटकांड में शामिल थे।
समस्तीपुर पुलिस ने कोर्ट में दिया गेट एनालिसिस रिपोर्ट :
अब आपको इस सवाल का जवाब देते हैं कि आखिर कैसे गेट एनालिसिस के जरिए समस्तीपुर पुलिस ने आरोपी की पहचान को और भी पुख्ता किया और इसे कोर्ट में भी साबित करने की कवायद शुरू कर दी है। समस्तीपुर पुलिस ने अपराधियों के सीसीटीवी फुटेज में उनकी चाल को रिकॉर्ड किया, इसके बाद उतनी ही दूरी और उसी लाइट कंडीशन में फिर से उसके चलने के स्टाइल को रिकॉर्ड किया। दोनों का गेट एनालिसिस कर इस नतीजे पर पहुंचा गया कि सीसीटीवी में दिख रहा शख्स ही है जिसे समस्तीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब समस्तीपुर पुलिस दोनों ही वीडियो कोर्ट में पेश कर दिया है।
क्या होता है Gait एनालिसिस :
सरल भाषा में समझा जाए तो गेट एनालिसिस और कुछ नहीं बल्कि किसी शख्स की चाल को परिभाषित करने को कहा जाता है। यानी आप किस एंगल से चलते हुए कैसे नजर आ रहे हैं, इसी का एनालिसिस किया जाता है। ये कोई क्राइम इनवेस्टिगेशन का तरीका नहीं, बल्कि मेडिकल ट्रीटमेंट का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल चलने और इस दौरान आपके पोस्चर को ठीक करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर इससे ये भी पता लगाते हैं कि शख्स को लगी चोट या दर्द का क्या सोर्स है।
गेट एनालिसिस का इस्तेमाल ज्यादातर फिजियोथेरेपिस्ट भी करते हैं, एथलेटिक्स ट्रेनिंग में भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे एथलीट बेहतर और आराम से प्रदर्शन कर सकें। अब इस तकनीत का इस्तेमाल आपराधिक मामलों में संदिग्धों की पहचान करने के लिए भी किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद आरोपी की पहचान करना गेट एनालिसिस से काफी आसान हो जाता है।
रिलायंस ज्वेलरी लूटकांड मामले को लेकर SP विनय तिवारी ने क्या कुछ कहा :
मोहनपुर स्थित रिलायंस ज्वेलस में हुए लूटकांड का SP विनय तिवारी ने किया खुलासा; देशभर में फैला गिरोह मंथली सैलरी देकर युवाओं को अपने गैंग में शामिल करता था….@Samastipur_Pol @bihar_police@vinayomtiwari#samastipur#samastipur_town#ipsvinaytiwari pic.twitter.com/MlqeBcHius
— Samastipur Town (@samastipurtown) June 1, 2024