अपराध जगत में मनिया ने कुछ ही समय में बनाया लिया था अपना नाम, 4 ही वर्षों में बन गया 2 लाख का ईनामी हिस्ट्रीशीटर
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समस्तीपुर :- हिस्ट्रीशीटर मनीष कुमार उर्फ मनिया का गिरोह समस्तीपुर पुलिस के लिए नासूर बना हुआ था। गत वर्ष रोसड़ा में पहली बार हत्या मामले में मनिया गिरोह की संलिप्तता उजागर हुई थी। हालांकि डबल मर्डर की घटना के पीछे का कारण भी लूटपाट बताया गया था। पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो मनीष कुमार उर्फ मनिया के खिलाफ करीब आधा दर्जन मामले रोसड़ा थाना में दर्ज हैं। बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा उसपर 2 लाख रुपये के ईनाम की भी घोषणा की गई थी।
मनिया पर रोसड़ा के अलावे विभूतिपुर, बेगूसराय के चेरियाबरियारपुर, तेघड़ा व बछवाड़ा में भी मनिया के खिलाफ मामले दर्ज है। अपराध जगत में मनिया ने 2020 में कदम रखा था। इसकी शुरुआत उसने अपने पड़ोसी गांव गोविंदपुर से की। इस मामले में फायरिंग, आर्म्स एक्ट व धमकी का मामला मनिया के विरुद्ध दर्ज हुआ था। हालांकि वह फरार ही रहा। इसके बाद उसने बाइक लिफ्टिंग, लूट व छिनतई की कई घटनाओं को अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अंजाम दिया।
इस बीच रोसड़ा पुलिस ने जनवरी 2022 में उसे दबोचकर रोसड़ा थाना कांड सं 189/21 में जेल भेज दिया। जेल से बाहर निकलते ही मनिया ने समस्तीपुर में ज्वेलरी व्यवसायी के साथ बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया। इस घटना में भी मनिया पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। इधर, एक बार फिर रोसड़ा थाना क्षेत्र के मनिया गिरोह ने डबल मर्डर घटना को अंजाम दे डाला और अब भी मनिया पुलिस गिरफ्त से बाहर ही रहा। इसके बाद भी इनसे अपने गिरोह के साथ मिलकर बेगूसराय में ज्वेलरी दुकान में लूट की घटना को अंजाम दिया। जब समस्तीपुर और बेगूसराय में पुलिस दबिश बढ़ी तो मनिया अपने गिरोह के साथ सहरसा शिफ्ट हो गया। वहां फर्जी आधार कार्ड पर नाम बदलकर एक किराए के मकान में रह रहा था। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
पहली बार मनिया पर दर्ज हुआ संगठित अपराध का मामला
सहरसा पुलिस ने सदर थाना में आरोपी मनीष कुमार मनिया समेत उसके चार साथियों के विरुद्ध कांड संख्या 685/24 दर्ज किया है। सहरसा पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उक्त प्राथमिकी धारा 310 (4), 310(5), 319(2), 318(4).337, 338, 336(3), 111 (3) भारतीय न्याय संहिता एवं 25 (1 बी) ए. 26, 35 आर्म्स एक्ट दर्ज के तहत दर्ज की गयी है। जिसमें संगठित अपराध के लिए पहली बार 111 भारतीय न्याय संहिता का इस्तेमाल किया गया है।