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‘शिक्षा सेवकों’ हो जाओ सावधान! स्कूलों में अगर इतने प्रतिशत से कम मि‍ले बच्चे तो वेतन में होगी कटौती

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समस्तीपुर :- सरकार की ओर से काफी पहले टोला सेवक की बहाली की गई थी। पिछले साल इनके नाम में बदलाव कर शिक्षा सेवक कर दिया गया। सरकार के नियोजित कर्मी की तरह इन्हें भी मानदेय दिया जाता है। पर कार्य के नाम पर कुछ खास जिम्मेदारी नहीं होने के कारण लोग शिक्षा सेवक शब्द से भी अपरिचित हैं।

इन दिनों शिक्षा विभाग अपनी व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम में जुटा है। इस मुहिम के तहत शिक्षा सेवकों पर भी सख्ती शुरू हो गई है, जिस टोले से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम रहेगी, उन टोला सेवकों, नया नाम शिक्षा सेवक के मानदेय में कटौती की जाएगी।

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नए आदेश के बाद सक्रि‍य हुए शिक्षा सेवक :

नए आदेश के बाद शिक्षा सेवक सक्रिय हो गए हैं। गांव के लोगों को इस नए पद के बारे में जानकारी मिलने लगी है। दरअसल, टोला सेवकों की नियुक्ति दलित परिवार के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी।

अभिभावकों को जागरूक करते हुए बच्चों के पढ़ाने के लिए स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी टोला सेवकों को दी गई थी। इसके बदले में उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है, लेकिन टोला सेवक ग्रामीण इलाकों में किसी खास मौके पर ही नजर आते थे।

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विभागीय स्तर पर भी इन पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था। नियोजन के तहत वेतन तो लेते थे, लेकिन कार्य के नाम पर जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आता था। अब व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम में इन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन का निर्देश प्राप्त हुआ है। वेतन में कटौती के डर से वे लोग अब दलित परिवार के बीच जाकर बच्चों को स्कूल तक लाने के कार्य में जुट गए हैं।

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अपर मुख्य सचिव ने सभी डीईओ को भेजा पत्र :

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में डीईओ को पत्र भेजा है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षा सेवक संबद्ध विद्यालयों में केवल हाजिरी बनायेंगे। छह से 14 आयु वर्ग के शत-प्रतिशत बच्चों को विद्यालय में नामांकन कराकर स्कूल पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है। डीपीओ ने बताया कि शिक्षा सेवकों को छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों को संबंधित कोचिंग कराकर एक साथ बच्चों को विद्यालय पहुंचाने को कहा गया है।

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दोपहर एक से दो बजे तक संबंधित टोले में 15 से 45 आयु वर्ग के असाक्षर महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग के महिलाओं को साक्षरता केन्द्र में पढ़ाने का आदेश दिया गया है। ताकि, असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाया जा सके। साथ ही, मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना, खेलकूद, पर्यावरण संबंधी गतिविधि व अन्य गतिविधियों में सहयोग करना व बच्चों को चिकित्सा जांच में आवश्यक सहयोग करने का आदेश दिया गया है।

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