समस्तीपुर :- बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप शुरू हो गया है। शहर से लेकर गांव तक मच्छरों का प्रकोप हैं लेकिन अब तक सरकारी अस्पतालों में डेंगू वार्ड नहीं बन सका है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल से लेकर प्रखंडों में पीएचसी व सीएचसी तक में भले ही नियमित सफाई की व्यवस्था है, लेकिन जलजमाव व कूड़ों का नियमित उठाव नहीं नहीं होने से वे डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित नहीं है। बरसात के मौसम में लगभग सभी जगह पिछले कई दिनों से जलजमाव की समस्या बरकरार है। जलनिकासी के अभाव में कई-कई दिनों तक पानी जमे रहने के कारण मच्छरों के पनपने के कारण बनते रहते हैं।
जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में पीकू वार्ड, ओपीडी के अलावा मलेरिया कार्यालय, सीएस कार्यालय के बाहर भी बरसात का पानी कई दिनों से जमा हुआ है। सदर अस्पताल में चल रहे निर्माण के कारण जगह-जगह रखे गये निर्माण सामग्री जलनिकासी में बाधक बनते हैं। अस्पताल में वैसे तो आउटसोर्सिंग पर रखे गये सफाई कर्मी वार्ड व विभिन्न कार्यालयों की नियमित सफाई करते हैं, लेकिन कूड़ा को अस्पताल से बाहर फेंकने के बजाय बाहर खुले में जमा कर देते हैं जिसका भी नियमित उठाव नहीं होता है।
इसके अलावा मेडिकल कचरे का भी नियमित उठाव नहीं होता है। दो से तीन दिन पर मेडिकल कचरे का उठाव होता है तब तक वह खुले में ही पड़ा रहता है। मेडिकल कचरा रखने के लिए अस्पताल में कूड़ेदान रखे गये हैं लेकिन उसका ढक्कन बंद नहीं किया जाता है। जबकि उसी रास्ते होकर मरीज व उनके परिजनों के दिनभर आने जाने का सिलसिला लगा रहता है।
सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अब तक विधिवत वार्ड भी नहीं बनाया गया है। रविवार को सदर एसडीओ दिलीप कुमार के निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ। डेंगू वार्ड के बारे में पूछने पर अस्पताल प्रबंधक बंगले झांकने लगे। बाद में एसडीओ को बताया कि अस्पताल प्रशासन ने परिवार नियोजन वार्ड को डेंगू वार्ड के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन एसडीओ को उसमें डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला। परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं से वार्ड भरा हुआ था। किसी बेड पर मच्छरदानी भी नहीं दिखा। हालांकि अस्पताल में डेंगू का किट उपलब्ध है।
इस संबंध में सदर अस्पातल के उपाधीक्षक डॉ. नागमणि ने बताया कि परिवार नियोजन वार्ड को डेंगू वार्ड के लिए चिह्नित किया गया है। डेंगू पीड़ित मरीज के आने पर उसमें मरीजों को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में निर्माण कार्य के कारण जलनिकासी की समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए निर्माण एजेंसी को कहा गया है। दो बार जवाब-तलब भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सफाई पर पूरा ध्यान है।
एसडीओ के निरीक्षण में ओपीडी भवन स्थित रक्त जांच केंद्र में भी ताला लटका मिला। ताला बंद होने के कारण डेंगू के मरीजों को भी जांच कराने में दिक्कतें आ सकती है। जबकी जांच केंद्र को हर समय खोलकर रखना है। हालांकि अस्पताल प्रबंधक का कहना है की अब तक डेंगू का मरीज अस्पताल में नहीं आये है। लेकिन इससे इतर अस्पताल प्रबंधन पहले से भी इसके इलाज को लेकर समुचित तैयारी नहीं रखी है। अगर आपात स्थिति में कोई डेंगू मरीज आ जाए तो उसे भर्ती करने के लिए कोई वार्ड तैयार नहीं है। ऐसे में अगर मरीजों की संख्या अचानक बढ़ती है तो फिर इलाज कैसे होगा, यह बड़ी चुनौती बनी है।
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