समस्तीपुर सदर अस्पताल बीमार; पोस्टमार्टम हाउस में फ्रीजर नहीं, सड़ रहे शवों से निकल रहे पिल्लू व कीड़े, डॉक्टर ने भी पोस्टमार्टम रूम जाने से किया मना
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समस्तीपुर : समस्तीपुर सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के फ्रीजर की व्यवस्था न होने के कारण शवों को बाहर ही रखा जाता है। उमस व गर्मी के कारण शवों से बदबू आ रही है। बदबू इतनी ज्यादा है जिससे पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भी खड़ा होना मुश्किल हो रहा है। लोगों को बदबू से बचने के लिए नाक व मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ रहा है। कमरे में रखे शव में बड़े-बड़े पिल्लू व कीड़े पड़ गए है, जो कमरे से निकल-निकलकर बाहर आ रहे है।
जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम रूम में हर रोज अमूमन तीन से पांच शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है। इस दौरान लावारिश शवों को पहचान के लिए 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का प्रावधान है। डीप फ्रीजर ना होने के कारण शव सड़ने की स्थिति में है। जिस कारण लावारिस पड़े शव में कड़े व पिल्लू लगकर कमरे से बाहर निकलकर आ रहे हैं।
पोस्टमार्टम हाउस पर शव लेने पहुंचे लोग प्रशासन व सरकार को कोसते हुए दिख रहे हैं। शुक्रवार को सदर अस्पताल के डॉक्टर ने भी उपाधीक्षक को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया। डॉ. संजय कुमार का बताना है कि बदबू के कारण वह पोस्टमार्टम करने में असक्षम है। सूचना पर पहुंचे विभूतिपुर विधायक अजय कुमार ने भी पोस्टमार्टम रूम जाकर स्थिति का जायजा लिया और इस समस्या को लेकर सदन में बात उठाने को कहा।
लोगों का क्या कहना है देखें :
वर्जन :
समस्तीपुर सदर अस्पताल खुद ही बीमार है। संवेदना बिल्कुल मर चुकी है। पोस्टमार्टम हाउस में वातानुकूलित मर्चर रूम की व्यवस्था हो। ताकि पोस्टमार्टम के बाद लावारिस शव को वहां रखा जा सके। इसको लेकर मैं सदन में भी सवाल उठाऊंगा।
-अजय कुमार,
विधायक, विभूतिपुर
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वर्जन :
पिछले दो-तीन दिनों के अंदर आधा दर्जन लावारिस शव आ गये। प्रोटोकॉल के हिसाब से हमलोग पोस्टमार्टम के बाद 72 घंटों तक शवों को सुरक्षित रखते हैं। पोस्टमार्टम रूम में सिर्फ एक शव को रखने के लिये फ्रिजर है जिस कारण अन्य शव को बाहर ही रखा गया है। गर्मी के कारण शव खराब हो रही है। हालांकि वहां साफ-सफाई करायी जा रही है। हमलोगों ने कोल्ड चेंबर का मांग भी पहले ही किया है।
-संजय कुमार चौधरी,
सिविल सर्जन, समस्तीपुर