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निजी जमीन पर सरकारी विद्यालय का चल रहे भवन निर्माण कार्य को रोकने के लिए पीड़ित भूस्वामी अधिकारियों से कर रहा फरियाद

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समस्तीपुर/शिवाजीनगर : समस्तीपुर में अधिकारियों की मिली भगत से निजी जमीन पर सरकारी विद्यालय के चल रहे भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाये जाने को लेकर पीड़ित भूस्वामी अंचल से लेकर जिला मुख्यालय तक फरियाद कर रहा है। योजना विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी के आदेश के बाबजूद संवेदक के द्वारा भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है दरअसल नवसृजित प्राथमिक विद्यालय के भवन निर्माण के लिए जिस भूमि पर निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, उस जमीन पर विद्यालय के प्रिंसिपल और भूस्वामी के द्वारा अपनी-अपनी दावेदारी पेश की जा रही है। हैरान करने वाली बात है कि योजना विभाग के द्वारा विवाद को नजर-अंदाज कर और अंचल अधिकारी के रिपोर्ट को अनदेखा कर भवन निर्माण कार्य कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।

मामला शिवाजीनगर प्रखंड के दसौत पंचायत के उसराही टोल वार्ड संख्या-12 की है, जहां विधायक कोष से नवसृजित प्राथमिक विद्यालय के लिए दो कमरे का भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसको लेकर स्थानीय नरेश मंडल अधिकारियों से लिखित शिकायत देकर फरियाद कर रहे है कि उनकी निजी जमीन पर स्कूल का निर्माण कराया जा रहा है।

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नरेश मंडल का कहना है कि मौजा दसौत में उनकी जमीन है जिसका खाता संख्या 815 और खेसरा संख्या 421 है जो उनकी माँ मानो देवी के नाम है। उस जमीन की जमाबंदी भी उनके नाम है। उनकी निजी जमीन पर भवन निर्माण कराये जाने को लेकर स्थानीय अधिकारी से लेकर जिला मुख्यालय तक गुहार लगा चुके है। वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि वर्ष 2015 में निर्मला देवी के द्वारा स्कूल बनाने को लेकर राज्यपाल के नाम दान स्वरूप जमीन दी गई थी। प्रधानाध्यापक का कहना है कि जमीन की रजिस्ट्री के बाद आवश्यक कार्रवाई के लिए उनके द्वारा अंचल अधिकारी से कई बार पहल की गई। लेकिन अंचल कार्यालय के कर्मी के द्वारा अभिलेख संधारण नही किया गया। जबकि नरेश मंडल के द्वारा उक्त जमीन के दाखिल खारिज के आवेदन के आधार पर उनके माँ के नाम जमाबंदी कर दी गई।

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दूसरी ओर पीड़ित भूस्वामी नरेश मंडल के शिकायत के बाद योजना विभाग के द्वारा काम रोकने के लिए पत्र तो जरूर जारी कर दिया गया, लेकिन संवेदक के द्वारा निर्माण कार्य अब तक बंद नही किया गया है। योजना स्थल पर संवेदक के द्वारा संचालित योजना को लेकर कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। योजना विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी उदय शंकर प्रसाद का बताना है कि विद्यालय के प्रधानाध्यपक के अनापत्ति के आधार पर योजना की स्वीकृति दी गई थी। अब पीड़ित नरेश मंडल के द्वारा आपत्ति जताई गई है। ऐसे में उनके द्वारा कार्य रोकने का निर्देश दिया गया है। साथ ही अंचल अधिकारी से रिपोर्ट की मांग की गई है। वहीं राजपाल के नाम रजिस्ट्री की गई विद्यालय की जमीन को पीड़ित की माँ के नाम पर जमाबंदी किये जाने और विवादित जमीन पर निर्माण कार्य कराए जाने के सवाल पर अपर समाहर्ता अजय तिवारी अनभिज्ञता जता रहे है। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं आया है। मामले को लेकर वह जानकारी ले रहे हैं, जानकारी लेने के बाद ही कुछ बताने की स्थिति में होंगे।

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सिस्टम से हमारा सवाल :
  • सिस्टम से सवाल है कि बिना जांच पड़ताल के किस आधार पर राज्यपाल के नाम दान में दी गई, जमीन को मानो देवी के नाम दाखिल खारिज कर जमाबंदी कायम कर दी गई ?
  • पीड़ित की दावेदारी गलत है तो उसकी जमाबंदी खारिज करने की प्रक्रिया अब तक क्यो नही की गई ?
  • गलत तरीके से दाखिल खारिज करने वाले दोषी कर्मी और अधिकारी पर क्या कार्रवाई की जाएगी ?
  • जिला कार्यकम पदाधिकारी के कार्य रोकने के आदेश का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है ?

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