समस्तीपुर : चंद्रकांता के लेखक बाबू देवकीनंदन खत्री स्मृति विचार मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय स्मृति कार्यक्रम का आयोजन
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समस्तीपुर/कल्याणपुर : प्रखंड के कृष्ण देव उच्च विद्यालय मालीनगर में रविवार को बाबू देवकीनंदन खत्री स्मृति विचार मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय स्मृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्षता मालीनगर के पूर्व मुखिया विजय शर्मा ने की। वहीं संचालन मुकेश कुमार सिंह ने किया। मौके पर उपस्थित बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि देवकीनंदन खत्री भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की धरोहर हैं।
मंत्री ने कहा कि उनकी स्मृति सभा में आकर मैं अपने आप को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं। साथ ही उनके जन्मस्थली के रूप में मालीनगर होने पर अपने आप को इस कार्य स्थल से जुड़े होने पर गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस मंच के द्वारा साहित्य सम्मान के लिए पहल की शुरुआत करनी चाहिए। इसके लिए बिहार सरकार तक बात पहुंचाने का की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रक्रिया पूर्ण कर उन्हें सम्मानित करने की बात कही।
मौके पर स्नातक विधान परिषद के सदस्य सर्वेश कुमार ने बताया कि बाबू देवकीनंदन खत्री इस भूमि से जुड़े हुए हैं, इससे बड़े सम्मान की बात क्या होगी कि उन जैसे महान साहित्यकार के सम्मान में दो शब्द कहने को मिल रहा है। साथ ही मौके पर प्रतिमा लगाए जाने व पुस्तकालय निर्माण पर भी महती सहयोग का भरोसा दिलाया।
मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष खुशबू कुमारी, नगर निगम के महापौर के प्रतिनिधि के रूप में भुवनेश्वर राम, उप मेयर रामबालक पासवान, पूर्व सांसद अश्वमेघ देवी, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राम सुमरन सिंह, आरएयू के डीन डॉ. रमन त्रिवेदी, पूसा प्रखंड प्रमुख रविता तिवारी, शकुंतला वर्मा सहित दर्जनों नेताओं ने चंद्रकांता के लेखक देवकीनंदन खत्री के सम्मान में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए इनकी आदम कद प्रतिमा लगाने के साथ-साथ लाइब्रेरी लगाने की मांग रखी।
सभी वक्ताओं ने कहा कि देवकीनंदन खत्री के 1913 में देहावसान के बाद विश्व में सभी जगह उन्हें सम्मान दिया जाता रहा है। उनकी जन्मस्थली मालीनगर में उनके सम्मान के लिए संग्रहालय बनाने की बात कही गई, ताकि लोग जान सके कि बाबू देवकीनंदन नंदन खत्री की जन्म भूमि के साथ देवकी नंदन खत्री जी का ननिहाल मालीनगर ही था। इनका बचपन मालीनगर में ही बीता था। मौके पर आगत अतिथियों को मंच द्वारा चंद्रकांता पुस्तक भेट की गई। वहीं बाबू देवकीनंदन खत्री द्वारा रचित पचपन मुख्य किताबों को संग्रहित कर लोगों को सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए भी मंच द्वारा प्रयास करने की बात कही गई।