समस्तीपुर/विभूतिपुर :- विभूतिपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय धोबीटोल में गलत तरीके से शिक्षिका के पद पर रंजना कुमारी का योगदान कराने के मामले में बीईओ कृष्णदेव महतो और स्कूल की एचएम गायत्री देवी से जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह के आदेश पर डीईओ ने 24 घंटे के अंदर लिखित प्रतिवेदन मांगा है। दोनों को मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को जिला शिक्षा भवन में बुलाया गया था। जहां दोनों से पहले पूछताछ की गई फिर दोनों से लिखित रूप से अपना-अपना पक्ष मंगा गया। इसके बाद दोनों ने अपना-अपना प्रतिवेदन लिखकर कार्यालय में जमा भी कर दिया है। जबाव संतोषजनक नहीं मिलने पर कारवाई भी की जाएगी।
इधर मामले को लेकर डीएम ने कहा है कि शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े के शिकायत की जांच कराई गई है। प्रथम द्रष्टया जांच में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रधानाध्यापक दोषी पाए गए हैं। उनसे 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण की मांग की गई है स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर उनके विरुद्ध आवश्यक विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी शिक्षकों की सूची में विभूतिपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय आलमपुर मुसहरी की ममता कुमारी, प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया वार्ड संख्या-11 में सुधांशु कुमार व शिल्पी कुमारी, मध्य विद्यालय समर्था में अमरजीत कुमार व पंकज कुमार साहू, प्राथमिक विद्यालय संगराहा खैराज में पिंकी कुमारी व अभिषेक कुमार साहा, प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर बिशनपुर सिसबन्नी की इंदु कुमारी शामिल हैं। इन सभी शिक्षकों का रौल नंबर बीपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट सूची में है ही नहीं। इन सभी को फर्जी तरीके से ज्वाइन करवा दिया गया है। यहां तक की बायोमेट्रिक जांच के दौरान भी बड़े स्तर पर खेल रचे जाने की बात सामनें आ रही है।
इधर संबंधित विद्यालयों के प्रिंसिपल के द्वारा सभी फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए गलत रौल नम्बर डाल कर एब्सेंटी भी भेजा जा रहा था। इन चीजों को देखकर तो लगता है कि इस फर्जीवड़े में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व माफियाओं के गिरोह ने मिलकर करोड़ों रुपये का खेल-बेल किया है। फर्जी शिक्षकों की सूची और भी बढ़ सकती है। जैसे-जैसे Samastipur Town Media को साक्ष्य मिल रहे हैं वैसे-वैसे बड़े-बड़े मामले निकलकर सामने आ रहे हैं।
बताते चलें इससे पहले विभूतिपुर में रहते हुए ही कई बार विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो पर प्रपत्र ‘क’ गठित हुआ है। बाबजूद इसके उसपर कारवाई नहीं कर के दलसिंहसराय का भी अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही बीपीएससी शिक्षकों के सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने को लेकर उन्होंने 1500 से 2000 हजार रुपये हर शिक्षकों से मांग कर रहे थे। बाद में विभूतिपुर विधायक अजय कुमार के हस्तक्षेप के बाद कुछ शिक्षकों से पैसे नहीं लिये गये लेकिन अधिकांश नवनियुक्त बीपीएससी शिक्षकों से उन्होंने अवैध वसूली कर ली थी।
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