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समस्तीपुर: पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए दुधारू मवेशियों का होगा पशुधन बीमा 

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समस्तीपुर :- दुधारू मवेशियों के लिए पशुधन बीमा सुरक्षा योजना की शुरूआत की गई है। इसको लेकर किसानों से आवेदन की मांग की गई है। जिससे बीमारी व अन्य कारणों से मवेशियों की मृत्यु से पशुपालकों को होने वाले आर्थिक क्षति की भरपाई की जा सके। इसके लिए पशुपालाकों को मवेशियों के मौत पर उन्हें पशु बीमा के तौर पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जायेगी। इस योजना का मक्शद जिले के सभी वर्ग के पशुपालकों के दुधारू मवेशियों का पशु बीमा कर पशुपालकों के आर्थिक प्रगति, पूंजी निर्माण एवं डेयरी व्यवसाय के प्रबंधन में आर्थिक सहायता दी जानी है।

इस योजना में प्रति दुधारू मवेशी का अधिकतम मूल्य 60 हजार रुपये निर्धारित की गई है। जिस पर 3.5 प्रतिशत की दर से पशु बीमा की कुल राशि 2100 रूपये होगी। जिसमें राज्य सरकार की ओर से 75 फीसदी राशि यानी 1575 रुपये अनुदान के तौर पर देगी। इसके अलावे पशुपालकों को प्रमियम की 25 फीसदी राशि यानी 525 रूपये बीमा कंपनी को भुगतान करना होगा।

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बीमा कंपनी की ओर से दुधारू पशुओं का बीमा महज एक साल के लिए ही किया जायेगा। एक पशुपालक अधिकतम चार दुधारू मवेशियों के लिए पशु बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों के दुधारू मवेशियों में डाटा ईयर टैग लगाये जायेंगे। जिसके सुरक्षा की जिम्मेदारी लाभुकों की होगी। इसके गुम होने पर पशुपालकों को मवेशी की मौत के बाद पशु बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा।

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7.50 लाख जिले में है मवेशियों की संख्या :

जिले में पशुपालन विभाग से 2020 में पशु गणना कराया गया था। जिसमें यहां मवेशियों की संख्या सात लाख 50 हजार दर्ज की गई थी। इसमें दुधारू पशुओं की संख्या करीब साढ़े चार लाख के करीब थी। अब यह आंकड़ा 5 लाख से उपर चला गया है। यहां गायों व बैलों की संख्या एक लाख नौ हजार 410 है। जबकि यहां भैंसों की संख्या आठ हजार 891 है।

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पशु गणना में बकरी, पांडा, भेंड, खरगोश, घोडा व कुत्तों की संख्या भी पशु गणना में शामिल है। लम्पी, त्वचा रोग, एचएसबीक्यू बीमारी से दुधारू मवेशियों की मौत अधिक हो रही है। इसके अलावे यहां बज्रपात एवं बिजली के हाई टेंशन चपेट में आने की वजह से भी हर साल दर्जनों मवेशियों की मौत हो रही है। वहीं, सडक दुर्घटना में भी मरने वाले मवेशियों की फेहरिस्त लंबी है।

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