विचाराधीन बंदी मोनू की मौ’त मामले का अभियोग हत्या में परिवर्तित, कोर्ट ने मामले को 302 में परिवर्तित करने की दी स्वीकृति
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समस्तीपुर/रोसड़ा :- रोसड़ा उपकारा के विचाराधीन बंदी सिंघिया निवासी मोनू कुमार सिंह की मौत को हत्या मानते हुए कोर्ट ने अभियोग को भादवि 302 में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्रदान की है। जेएम प्रथम जितेन्द्र कुमार की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अभियोगी की ओर से मामले को भादवि 302 में परिवर्तित करने को दिए गए आवेदन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मृतक मोनू के भाई सोनू कुमार सिंह के द्वारा न्यायालय में दर्ज कराये गए अभियोग पत्र को कोर्ट ने भादवि 302/149 में परिवर्तित कर दिया है।
इस संबंध में अभियोगी के अधिवक्ता उपेन्द्र ठाकुर व सरिता कुमारी ने बताया कि अभियोग पत्र मोनू कुमार सिंह की मौत से पूर्व दायर किया था, इसलिए उक्त अभियोग भादवि 307 में दायर किया गया था। बाद में ईलाज के दौरान मोनू की मौत हो गयी थी। इसके बाद अभियोगी की ओर से अभियोग को भादवि 302 में परिवर्तित किये जाने को आवेदन दिया गया था। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय से उक्त मामले में सीआरपीसी 156(3) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराए जाने का आदेश पारित करने की भी गुहार लगायी है।
मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने विचाराधीन बंदी सिंघिया निवासी मोनू कुमार सिंह की मौत मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायिक जांच के आदेश पारित कर चुकी है। इसमें कोर्ट उपकारा अधीक्षक, जेलर, अनुमंडल अस्पताल, सदर अस्पताल व डीएमसीएच के चिकित्सक, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक व पुलिस के उच्चाधिकारियों को सम्मन निर्गत कर उनका बयान दर्ज कर चुकी है। वहीं कोर्ट ने इस मामले में रोसड़ा एसडीपीओ से भी रिपोर्ट तलब की थी।
बता दें कि मृतक मोनू कुमार सिंह के भाई सोनू कुमार सिंह ने एसीजेएम प्रथम कोर्ट में सिंघिया थानाध्यक्ष विशाल कुमार सिंह, तत्कालीन अपर थानाध्यक्ष दीपशिखा व सिंघिया थाना कांड सं 80/24 की आईओ दीपशिखा सिंहा के विरुद्ध अभियोग पत्र दायर किया था। जिसमें गिरफ्तारी के बाद मोनू की निर्ममता पूर्वक पिटाई किये जाने का आरोप लगाया गया है। जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और डीएमसीएच में ईलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। फिलहाल सभी की निगाहें कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी है।