समस्तीपुर :- बीपीएससी शिक्षक बहाली के दौरान हुए फर्जीवाड़ा मामले की जांच अब तक लंबित है। Samastipur Town Media द्वारा फर्जीवाड़ा संबंधित मामला प्रकाश में लाये जाने के बाद तत्कालीन डीएम योगेंद्र सिंह ने जिला अपर समाहर्ता (आपदा) राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित कर तीन दिनों में जांच पूरा करने का आदेश दिया था, लेकिन डेढ़ महीने से अधिक समय के बाद भी जांच अब तक लंबित है।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अपर समाहर्ता (आपदा) के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी को सहयोग नहीं किया जा रहा हैं। बताया गया है कि एडीएम आपदा सह जांच कमिटी के अध्यक्ष राजेश सिंह ने संदिग्ध पाये गये 23 शिक्षकों की सूची का सत्यापन कर शिक्षा विभाग को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था, लेकिन हफ्तों बीत जाने के बाद भी अब तक शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी को सत्यापन से संबंधित रिपोर्ट नहीं भेजी है। जिसकी वजह से जांच कमेटी आगे की कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
बताया गया है कि अपर समाहर्ता आपदा के नेतृत्व में गठित जांच टीम की जांच लगभग अंतिम चरण में है। लेकिन जब तक शिक्षा विभाग से संबंधित संदिग्ध शिक्षकों के योगदान का सत्यापन नहीं होगा तब तक कमिटी को रिपोर्ट बनाने में देरी होगी। अब तो रिपोर्ट देने में बिलंव करने के कारण लोगों द्वारा शिक्षा विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में बताई जाने लगी है।
इधर, विभूतिपुर प्रखंड के बीईओ कृष्णदेव महतो को कार्य में लापरवाही मामले में तीन-तीन बार प्रपत्र-क गठित होने के बावजूद दलसिंहसराय प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। तत्कालीन डीएम योगेंद्र सिंह ने बहाली में हए फर्जीवाडे में प्रथम दृष्टया बीईओ कृष्णदेव महतो को दोषी बताया था। इसके बावजूद वे दोनों प्रखंडों में बीईओ के रूप में बने हुए हैं। बड़ा सवाल है कि आखिर अब तक बीईओ दोनों प्रखंडों के प्रभार में कैसे बना हुआ है। मामला उजागर हुए दो महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन अब तक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। वहीं समस्तीपुर शिक्षा विभाग भी इस मामले से संबंधित अपनी जांच अलग से नहीं करवा रही जिसपर भी लोगों ने सवाल उठाए है।
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