आज से ई-शिक्षा कोष पर शिक्षिकों की ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य, फोटो एडिटिंग कर उपस्थिति बनाने वालों पर कार्रवाई के लिए जांच दल का गठन
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समस्तीपुर : शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की हाजिरी के साथ-साथ अब शिक्षकों की हाजिरी भी आनलाईन बनायी जा रही है। शिक्षकों की हाजिरी के लिए ई-शिक्षा कोष ऐप बनाया गया है जिस पर उनकी हाजिरी बनाई जा रही है। यह प्रक्रिया कुछ ही दिन पहले ट्रायल मोड पर शुरू हुई थी लेकिन आज एक अक्टूबर से यह पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है। इसी प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा।
लेकिन विभागीय दिशा-निर्देश को ताक पर रखकर कुछ शिक्षक इसमें भी जुगाड़ निकाल लिये और कंप्यूटर तकनीक का सहारा लेकर एडिटिंग कर फोटो लगाकर उपस्थिति बना रहे है। माॅनिटरिंग के दौरान शिक्षा विभाग ने इस खेल का पर्दाफाश करते हुए शिक्षकों को सख्त हिदायत दी है।
डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि विभागीय निदेशानुसार सभी शिक्षकों का ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज किया जा है। अधिकांश शिक्षकों द्वारा उपस्थिति दर्ज भी किया जा रहा है। लेकिन अन्य जिला में यह मामला प्रकाश में आया है कि शिक्षकों के द्वारा एडिटिंग कर फोटो लगाकर उपस्थिति दर्ज किया जा रहा है। मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने प्रखंड के ई-शिक्षा कोष पर रैण्डमली जांच कर यह आश्वस्त हो ले कि शिक्षकों द्वारा उपस्थिति दर्ज की जा रही है और फोटो उन्हीं का हो, साथ ही फोटो को गौर से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि इसमें छेड़छाड़ किया गया है अथवा नहीं।
इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डीपीओ प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया है जिसमें एक सप्ताह में एक दिन का सभी प्रखंड के 5-5 शिक्षकों की उपस्थिति ई-शिक्षा कोष पर रेंडमली जांच किया जाएगा। यदि किसी शिक्षक की उपस्थिति में छेड़छाड़ व कमी पाई जाती है तो उस शिक्षक पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।