समस्तीपुर BPSC शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा मामले में जांच कमेटी ने DM को सौंपी सीलबंद रिपोर्ट, BEO पर भी अलग से बनी रिपोर्ट
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समस्तीपुर :- समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में बीपीएसी से हुए शिक्षक बहाली प्रक्रिया में अनियमितता पायी गयी है यह बात जांच कमिटी ने भी मानी है। एडीएम (आपदा) राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीएम रोशन कुशवाहा को सौंप दी है। इसमें बहाली में हुई अनियमितता में शिक्षा विभाग की भूमिका को भी संदिग्ध बताने के साथ राज्यस्तरीय कमेटी से जांच कराने की अनुशंसा की गयी है। ताकि मामले की व्यापक स्तर पर जांच हो सके।
गौरतलब है कि विभूतिपुर प्रखंड में कई स्कूलों में उन लोगों ने भी शिक्षक के पद पर योगदान दिया था जिन्होंने बीपीएसी की शिक्षक बहाली की परीक्षा पास नहीं की थी। इन लोगों का प्राण नंबर तक जेनरेंट कर वेतन का भी भुगतान किया जा रहा था। जबकि कई लोगों का थंब जांच भी नहींं कराया गया था। इसकी खबर Samastipur Town Media पर सबसे पहले प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन डीएम योगेन्द्र सिंह ने अपर समाहर्ता आपदा राजेश कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।
इसमें अलग-अलग विशेषज्ञ को शामिल किया गया था, वहीं शिक्षा विभाग को इससे दूर रखा गया था। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया था। हालांकि पहले तीन दिनों में ही रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन लेकिन इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ था जिससे समय लग गया। हालांकि जांच कमिटी ने यह भी माना है की शिक्षा विभाग पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रही थी। उनके द्वारा अभिलेखों को ससमय उपलब्ध नहीं कराया जाता था।
सील बंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट :
लगभग दो महीने तक जांच चलने के बाद अपर समाहर्ता ने शिक्षक बहाली में हुए फर्जीवाड़े के संबंध में जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। सील बंद लिफाफे में सौंपी गई जांच रिपोर्ट को डीएम ने पटना शिक्षा विभाग को भेज दिया है। डीएम रोशन कुशवहा ने शिक्षा विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने गोपनीय विषय बता अलग से कोई जानकारी देने से परहेज किया। लेकिन सूत्रों की माने तो इस रिपोर्ट में शिक्षक बहाली में हुई अनियमितता की पुष्टि करने के साथ शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठाये गये हैं।
विदित हो कि Samastipur Town Media द्वारा बीपीएससी शिक्षक बहाली फर्जीवाड़ा को लेकर लगातार सवाल उठाया गया था। जांच में उसमें से 20 लोगों की फर्जी तरीके से बहाली होने की जांच में पुष्टि की गयी है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा हे कि व्यापक स्तर पर मामले की जांच करने पर फर्जी तरीके से बहाली के और भी मामले सामने आ सकते हैं।
शिक्षा विभाग का नहीं रहा सहयोग :
जांच कमिटी ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जांच में शिक्षा विभाग की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। समय पर कागजात उपलब्ध कराने के बजाय टरलमटोल वाला रवैया अपनाया गया। जांच कमेटी ने बगैर जांच पूरी किये फर्जी तरीके से बहाल किये गये शिक्षकों का प्राण नंबर जेनरेट कर वेतन भुगतान करने पर भी सवाल उठाया है। यह भी कहा है कि सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जिनका शिक्षा विभाग ने अब तक बायोमेट्रिक जांच तक नहीं किया है। फर्जी शिक्षकों के प्राण नंबर शिक्षा विभाग से निर्गत किया जा चुका है जिस कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी शक की सुई जा रही है।
बीईओ के खिलाफ अलग से रिपोर्ट तैयार :
वहीं इस मामले में संदिग्ध भूमिका में पाये गये विभूतिपुर के बीईओ कृष्णदेव महतो पर प्रपत्र ‘क’ गठित करने के बाद भी अबतक विभागीय स्तर पर कार्रवाई लंबित है। शिक्षा विभाग ने बीईओ से कोई भी अभिलेख जब्त नहीं किया। जिस कारण जांच टीम को प्रभावित करने का भी भरसक प्रयास किया गया। जांच टीम ने बीईओ के खिलाफ तीन पेज में अलग से अपना मंतव्य दिया है।
DM ने क्या कुछ कहा देखें :
इस संबंध में डीएम रोशन कुशवाहा का कहना है कि बीपीएससी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद एक जांच कमिटी का गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट विभाग को भेजी गई है। जांच कमिटी की रिपोर्ट में पाया गया है कि अनियमितता हुई है। दोषियों को चिन्हित किया गया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं डीएम ने आश्वस्त किया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। विद्यालय में वही शिक्षक पढ़ाएंगे जिनकी सही नियुक्ति की गई है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में अब देखना है कि जांच कमिटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार और शिक्षा विभाग इसपर आगे क्या कार्रवाई करती है।