समस्तीपुर :- समस्तीपुर नगर निगम शहर भर में 14,978 स्ट्रीट लाइट लगाएगा। इसकी प्रक्रिया तेज हो गई है। पुराने व नए सभी 47 वार्डों में लाइट लगाने की तैयारी है। खासककर 16 नए वार्डों में पहली बार लाइट लगेंगी। नगर निगम बनने के बाद नए वार्डों के लोग स्ट्रीट लाइट लगाने की शुरू से मांग करते रहे हैं। नए वाडों में नगर परिषद के समय में स्ट्रीट लाइटें लगी थीं। नगर निगम बनने के बाद पुराने वार्डों के विस्तार होने के बाद कई स्थलों पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं। जहां नई स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए स्थल चयन किया गया है।
बता दें कि शहर में नईं स्ट्रीट लाइट लगाने व उनका रखरखाव करने पर नगर विकास विभाग ने रोक लगा रखी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर रोक हटा गई है। रोक हटाते हुए नगर विकास विभाग ने समस्तीपुर नगर निगम को गाइडलाइन जारी किया है जिसमें नौ बिंदुओं का अनुपालन करते हुए नई स्ट्राट लाइट लगाना व उनका रखरखाव करने का निर्देश दिया है। विभागीय गाइडलाइंस में प्रमुख घटकों में शामिल बिदुओं में जो शर्तें लगाई गई हैं, उनके अनुसार वर्षवार अधिष्ठापित स्ट्रीट लाइट की जांच के लिए नगर निगम (नगर निकाय) स्तर पर जांच समिति गठित कर संबाधित लाइट कंपनी के साथ किए गए एकरारनामा के प्रावधानों के अनुसार बिल पर कंपनी के दावों के निष्पादन के बाद लगाई जाएंगी।
नगर निगम के विस्तारित क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर निगम के स्तर पर समिति गठित हुई है। इस समिति द्वारा स्ट्रीट लाइट की संख्या का निर्धारण किया गया है। इस समिति में उप नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक, सहायक लोक स्वक्षता एवं अपशिष्ट प्रबंधन अधिकारी, ऊर्जा विभाग के अभियंता, नगर निकाय के जेई व संबंधित वार्ड के वार्ड पार्षद शामिल हैं।
चयनित स्थानों पर पूर्व से अवस्थित बिजली पोलों पर ही जरूरत के अनुसार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। स्ट्रीट लाइट की कुल संख्या के निर्धारण के बाद नगर निगम ने विद्युत कार्यपालक अभियंता समस्तीपुर को पत्र के माध्यम से पूछा गया है कि 14 हजार 978 स्ट्रोट लाइट लगाने पर कितना विद्युत भार बढ़ेगा तथा उसका अनुमानित बिजली बिल क्या होगा।
बिजली कंपनी से विद्युत भार व बिजली बिल का पता लगने के बाद नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति तथा बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाएगा। कुल स्ट्रीट लाइटों को लगाने व रखरखाव से संबंधित प्राक्कलन भवन निर्माण विभाग से प्रकाशित अद्दतन अनुसूचित दर के अनुरूप प्राक्कलन तैयार किया जाना है। जिसका सक्षम प्राधिकार से तकनीकी अनुमोदन या तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर ईपींआर ओसी – 2.0 के माध्यम से निविदा निकाल कर आगे की कार्रवाई की जानी है।
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