CM के आगमन को लेकर चप्पे-चप्पे पर तैनात थी पुलिस, SDO व ASP ने खुद संभाल रखा था मोर्चा, मुख्य सड़कों पर फंसीं दिखी गाड़ियां
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समस्तीपुर :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा पर समस्तीपुर में होने वाले आगमन को लेकर शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी। शहर में वाहनों के परिचालन के लिए रूट भी बदल दिया गया था। शहर में जिस रूट से सीएम के काफिले को गुजरना था उसकी साफ सफाई भी बेहतर तरीके से की गयी थी। सभी सुबह ही सड़कों की सफाई करा चूना का छिड़काव कर दिया गया था। इसके अलावा सभी चौक-चौराहों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी थी।
इसके अलावा जगह जगह सड़कों पर बैरियर भी लगाये गये थे। ताकि मुख्यमंत्री के आगमन के समय कोई वाहन सड़क पर नहीं जा सके। इससे मुक्तापुर रेल गुमटी से लेकर कलेक्ट्रेट तक सोमवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के समय कम संख्या में वाहनों का आवागमन हुआ। पटेल गोलंबर से लेकर मुक्तापुर रेल गुमटी के अलावा शेखोपुर, मुक्तापुर मोईन, वासुदेवपुर आदि जगह जाने वाले रास्तों में चप्पे चप्पे में पुलिस के महिला व पुरूष जवानों की तैनाती की गयी थी।
बीच-बीच में सुरक्षा के लिए विशेष रूप से तैनात पुलिस के अधिकारी उसकी निगरानी भी करने में जुटे हुए थे। उन्हें जैसे ही कोई कमी नजर आती थी तुरंत उसे दुरूस्त कराने में लग जाते थे। इसके साथ ही सुरक्षा में किसी तरह की कमी या चूक होने पर गंभीर भुगतने की चेतावनी देना नहीं भूलते थे। इससे सभी जगह तैनात पुलिस कर्मी अपनी अपनी ड्यूटी पर पूरी तरह मुस्तैद थे। एसडीओ दिलीप कुमार व एएसपी संजजय कुमार पांडेय खुद ही घुम-घुमकर माइक लेकर सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को दिशा निर्देश भी दे रहे थे। कार्यक्रम स्थलों पर भी वरीय पुलिस पुलिस अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था पर गहन नजर रखे हुए थे।
प्रगति यात्रा के बाद मुख्य सड़कों पर फंसीं गाड़ियां :
सीएम के प्रगति यात्रा के दौरान शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। मगरदही घाट से मुक्तापुर और मथुरापुर से लेकर इलामासनगर रोड तक लंबा व भीषण जाम लग गया था। जाम इतना विकराल हो गया था कि वाहन एक इंच भी सरक नहीं रहे थे। इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों को पैदल ही जाने को मजबूर होना पड़ा। वहीं समाहरनालय के सामने से लोगों को पैदल जाने की मनाही थी। सीएम के पटेल मैदान में बने हेलीपैड से हेलीकॉप्टर में बैठकर चले जाने के बाद ट्रैफिक को छोड़ा गया। हालांकि इसके बाद भी इसके सुचारु रूप से ठीक होने में घंटों का समय लग गया।