अल्युमिनियम फैक्ट्री विस्फोट मामला; फैक्ट्री बंद होने से कर्मियों के सामने परिवार चलाने का संकट बढ़ा
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समस्तीपुर/पूसा :- पूसा प्रखंड के वैनी थाना के निकट स्थित अल्युमिनियम फैक्ट्री विस्फोट के बाद बंद पड़ा है। इसके बंद होने से कई परिवारो की रोजी-रोटी छिन गई। मौजूद लोगों की मानें तो वर्षो पूर्व इसमें सैंकड़ो लोग कार्य करते थे। जिसमें काफी लोग आसपास के पंचायतों के शामिल थे। लेकिन बदलते समय के साथ ही कार्यरत कर्मियों की संख्या भी घटती गई। वर्तमान में भी करीब 35 लोग कार्यरत बताये गये हैं। इसमें 15 महिलाएं भी बताई गई है। जो निर्मित सामानों की साफ-सफाई समेत अन्य कार्य करते थे। ऐसे लोग इसकी कमाई से परिवार के भरण पोषण में सहयोग मिल जाता था।
इसके अलावा अन्य 20 लोग कार्य करते थे। जो अल्युमीनियम की गलाई से लेकर निर्माण व अन्य कार्य करते थे। इसमें कई प्रतिदिन के हिसाब से तो कई फिक्स मानदेय पर कार्य करते थे। इसमें कई दूसरे प्रदेश व जिले के भी कर्मी कार्यरत थे। जिनके परिवारो का भरण-पोषण इसी फैक्ट्री पर निर्भर था। इसके बंद होने से एैसे परिवारो के सामने आर्थिक संकट की समस्या गहराने लगी है।
मौके पर मौजूद पूसा प्रखंड के मोहम्मदपुर कोआरी पंचायत के राजेन्द्र पोदर की मानें तो करीब दो वर्ष पूर्व उन्होंने इस फैक्ट्री में काम छोड़ दिया था। अगर वे रहते तो शायद इस घटना के वे भी शिकार हो जाते। उन्होंने बताया कि उस समय उन्हें 9 हजार रूप्ये मासिक के अलावा ओवरटाईम की आमदनी भी मिल जाती थी।
कारखाना निरीक्षक मनोज कुमार से मोबाईल पर संपर्क कर घटना के कारणों व अबतक की कारवाई के संबंध में जानकारी लेने का प्रयास किया गया। उन्होंने कुछ भी बतानें से इंकार कर दिया। अधिकारी ने जानकारी के लिए आरटीआई का सहारा लेने को कहा। इधर श्रम अधीक्षक संजय कुमार ने घटना के संबंध में जानकारी के लिए कारखाना निरीक्षक से संपर्क करने के लिए कह कर टाल गये। लोगों की मानें तो अगर सब कुछ सही था। तो बताने से अधिकारियों को परहेज क्यों कर रहे है। मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो इसके पीछे बड़ा खेल होने की आशंका लोग जता रहे हैं।
तीन हफ्ते बाद भी पीड़ित परिवार लाभ से वंचित :
एल्युमीनियम फैक्ट्री में बीते महीने हुए विस्फोट मामले में पीड़ीत परिवार अब भी लाभ से वंचित है। इधर विभागीय अधिकारी भी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।15 जनवरी को एल्युमीनियम फैक्ट्री में अचानक हुए विस्फोट में चार लोगों की मौत एवं दो लोग गंभीर रूप् से जख्मी हो गये थे। घटना के बाद ईलाजरत पश्चिम बंगाल के राज बल्लभ भगत ड्यूटी पर एवं पूसा दिगम्बड़ा (मोहम्मदपुर कोआरी) के पवन कुमार सिंह अपने घर लौट गये है। लेकिन घटना में शामिल दरभंगा के संजय उर्फ जगरनाथ मुखर्जी, करजा मुजफ्फरपुर के चंदेश्वर राय, वैशाली किशनपुर के जतिन ललित कुमार एवं वैशाली कबीरचक के ज्योति साह की मौत हो गई।
मृतक चंदेश्वर राय के पुत्र बिट्टू कुमार ने बताया कि अब तक उन्हें किसी भी तरह की न सरकारी सहायता मिली और न ही फैक्ट्री मालिक की ओर से। बिट्टू कुमार की मानें तो किसी भी मृतक के परिजन को अबतक कोई भी लाभ नहीं मिल सका है। वे लोग काफी गरीब हैं और पिता की कमाई पर ही घर आश्रित थे। उन्होंने बताया कि इसको लेकर जरूरी कागजात संबंधित अधिकारी को पहुंचा दिया गया है। बहरहाल घटना के करीब 3 हफ्ते बाद भी लाभ नहीं मिलने से मृतक के परिजन रोष में हैं।