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किसान मेले के दूसरे दिन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा पहुंची सांसद शांभवी चौधरी

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समस्तीपुर/पूसा : समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी किसान मेले के दूसरे दिन पूसा पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के किसानों को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से सशक्त बनाने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे समस्तीपुर की बेटी होने पर बहुत गर्व है, जहां पर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय वर्षों पूर्व से अवस्थित है। कृषि और किसान हमारी शुरू से ही प्राथमिकता रही है।

किसान लोगों का अन्नदाता है। पीएम ने केसीसी का सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर किसान हित में पांच लाख कर दिया है। बहुत जल्द आने वाले समय में ई-प्लेटफार्म की शुरुआत किया जा रहा है। जो 24 घंटे किसानों के लिए उपलब्ध होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सतत विकास की राह पर अग्रसर है।

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भारत सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. विकसित भारत 2047 बनाने में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय के नेतृत्व में बेहतर अनुसंधान कर रहा है, जो काबिले तारिफ है. किसान देश की रीढ़ हैं. सांसद ने आम जनता की मांग पर विवि परिसर में सभी टूटी-फूटी सड़कों का नये सड़कों में परिवर्तित करने का आश्वासन दिया.

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कृषि और किसान हमारी प्राथमिकता :

ये बातें उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित मेला ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में कही. समारोह की अध्यक्षता कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने की. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा सांसद शांभवी की निजी जिम्मेवारी के रूप में परिलक्षित है.

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पूसा के इतिहास को दोहराते हुए कुलपति डॉ. पांडेय ने कहा कि वर्ष 1784 में ही हॉर्स ब्रीडिंग प्लांट की शुरुआत हो चुकी थी. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राज्य के 13 जिले में 16 कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम किसानों के खेत में चलाए जा रहे हैं. मेला में नवीनतम तकनीकों को लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया जा रहा है. मशरूम से विवि 52 प्रकार के उत्पादों का निर्माण कर स्वरोजगार की दिशा में कार्य किया जा रहा है. मशरूम पनीर का पेटेंट मिलने से किसानों को बेहतर लाभ मिलने की संभावना है.

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मरीचा धान की जीआई टैगिंग के अलावे शाही लीची का शहद पर भी बहुत जल्द जीआई टैग लग जाने से रोजगार के दर्जनों अवसर मिलेंगे. स्वागत भाषण प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. मयंक राय ने दिया. समारोह को निदेशक अनुसंधान डॉ. अनिल कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. संचालन डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन मेला सचिव डॉ. आरके तिवारी ने किया. मौके पर वैज्ञानिक डॉ. विनिता सतपथी के अलावे अधिष्ठाता, निदेशक वैज्ञानिक मौजूद थे.

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