समस्तीपुर: 15 मार्च तक शिविर लगाकर होगा जमाबंदियों का सुधार, आम नागरिकों को होगी सुविधा
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समस्तीपुर : भू-अभिलेखों के अद्यतीकरण के अन्तर्गत ऑनलाइन दाखिल खारिज, ऑनलाइन परिमार्जन प्लस, लगान वसूली सरकार की प्राथमिकता में है। इससे आम नागरिकों को सुविधा होगी। राज्य में संचालित विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम को देखते हुए जमाबंदियों को परिमार्जन व डिजिटाइज्ड किया जाना अति आवश्यक है। इसके लिए शिविर का आयोजन कर मूल जमाबंदी के डिजिटाईजेशन या इसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी को त्रुटिरहित करने के कार्य को एक निश्चित समयावधि में युद्ध स्तर पर किया जाना है।
इसके जिले में 17 फरवरी से 15 मार्च तक शिविर लगाये जा रहे हैं। जिले में मूल जमाबंदी पंजी के अनुसार सभी जमाबंदियों को डिजिटाइज्ड करने एवं डिजिटाइज्ड जमाबंदियों को त्रुटिरहित किया जायेगा। इसको लेकर सभी अंचलाधिकारियों को अपने अंचल कार्यालय अन्तर्गत शिविर आयोजन से लेकर संपूर्ण कार्य का निष्पादन तय समय में कराना है।
शिविरों के आयोजन से संबंधित प्रचार-प्रसार प्रत्येक हलका व पंचायत में कराना सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि अधिक से अधिक रैयतों द्वारा जमाबंदियों को त्रुटिरहित कराया जा सके। सभी राजस्व कर्मचारी अपने ही हलके के अन्तर्गत आने वाले सभी मौजों में सुधार करेंगे एवं विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये लैपटॉप के माध्यम से जमाबंदियों में त्रुटि सुधार का कार्य सम्पन्न कराना सुनिश्चित करेंगे।
सभी अंचलाधिकारी कम्प्यूटर, इन्टरनेट उपकरण इत्यादि संसाधनों की उपलब्धता आवश्यकतानुसार शिविर में सुनिश्चित करेंगे। राजस्व कर्मचारी द्वारा प्रत्येक मौजा की मूल जमाबंदी के स्कैंड ऑनलाइन प्रति अथवा जहां मूल प्रति स्कैंड नहीं हो सकी है। वहां मूल प्रति से मिलान करने के पश्चात् तभी भागों सहित पृष्ठवार सुधार किया जायेगा। ध्यान रखना है कि मूल जमाबंदी पंजी में, जो रैयतों या भूमि संबंधित विवरणी अंकित है।
वस्तुत: केवल वही हुबहू ऑनलाइन जमाबंदी में अंकित करना है। मूल जमाबंदी में अंकित आकड़ों के अतिरिक्त अन्य कोई प्रविष्टि या सुधार अथवा मूल जमाबंदी में छेड़छाड़ नहीं करना है। सभी मौजा के सभी जमाबंदी को डिजिटाइज्ड या उसके आधार पर ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि का निराकरण मौजावार करना है। पूर्व के प्रासंगिक पत्रों में वर्णित प्रक्रिया के अंतर्गत वैसे मिलान किये गये प्रतियों का सहारा भी लिया जा सकता है।
वहीं ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार के लिए ई- जमाबंदी मॉड्यूल का प्रयोग किया जायेगा, जिसके माध्यम से परिमार्जन का सुधार पूर्व में किया जा रहा है। यह ध्यान रखने को कहा गया है कि पूर्व में अगर परिमार्जन, परिमार्जन प्लस, दाखिल-खारिज या स्वतः संज्ञान होने पर अंचल अधिकारी के द्वारा ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार किया जा चुका है तो मूल जमाबंदी से मिलान करते समय वैसे जमाबंदी में संशोधन नहीं करना है।
राजस्व कर्मचारी अपने केएसी एप में प्रत्येक दिन के कार्य का प्रतिदिन अंकित करेंगे तथा आईटी प्रबंधक, समस्तीपुर प्रत्येक दिन ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त प्रतिवेदन से जिलाधिकारी को अवगत करायेंगे। सभी राजस्व कर्मचारी व अंचल अधिकारी मूल जमाबंदी पंजी के अनुसार सभी जमाबंदियों को डिजिटाइज्ड करने एवं डिजिटाइज्ड जमाबंदी को त्रुटिरहित करने का कार्य 15 मार्च 2025 तक निश्चित रूप से करना सुनिश्चित करेंगे। चूंकि मूल रूप से जमाबंदी में त्रुटि सुधार के लिए राजस्व कर्मचारी तथा अंचल अधिकारी को निर्देशित किया गया है। इसीलिए जमाबंदी में सुधार का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व संबंधित राजस्व कर्मचारी तथा अंचल अधिकारी की होगी।
सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता अंचल स्तर पर आयोजित शिविरों का भौतिक निरीक्षण करेंगे तथा अंचल अधिकारी को कार्य सम्पन्न करने में उचित एवं आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। प्रभारी पदाधिकारी, जिला राजस्व प्रशाखा और अपर समाहर्ता कार्य प्रगति की निगरानी वीसी के माध्यम से करना सुनिश्चित करेंगे, ताकि समय-सीमा के अंतर्गत सभी कार्य सम्पन्न हो सके। आईटी प्रबंधक प्रत्येक दिन अपराह्न 5:00 बजे इसके लिए वीसी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। डीएम ने कहा है कि किसी भी स्तर पर शिथिलता पाये जाने पर वैसे पदाधिकारी व कर्मी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन उन्हें उपलब्ध करायेंगे।