समस्तीपुर सदर अस्पताल के चिकित्सक ने चतुर्थ वर्गीय कर्मी पर लगाया दुर्व्यहार का आरोप, पीड़ित डॉक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से की शिकायत
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समस्तीपुर : सूबे के अस्पतालों में मरीज के परिजनों और असामाजिक तत्वों के द्वारा चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट का मामला आये दिन देखने को मिलता है। लेकिन समस्तीपुर सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर ने अपने ही अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इस सबंध में पीड़ित डॉक्टर ने पत्र लिखकर अस्पताल उपाधीक्षक, हॉस्पिटल मैनेजर और सिविल सर्जन से लिखित शिकायत की है।
पीड़ित चिकित्सक का बताना है कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत चतुर्थ वर्गीय कर्मी विरेन्द्र झा के परिचित मरीज पुरानी खांसी की समस्या को लेकर इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचे थे। उनके द्वारा मरीज को ओपीडी में सीनियर डॉ. मनीष कुमार से इलाज कराने की सलाह दी गई थी। जिसके बाद चतुर्थ वर्गीय कर्मी वीरेंद्र झा पुर्जा लेकर उनके पास पहुँचे और उनसे बदतमीजी से बात करते हुए उन्हें धमकी देने लगे।
पीड़ित चिकित्सक का आरोप है कि विरेन्द्र झा सदर अस्पताल में काफी लंबे समय से जमे हुए है और वो अक्सर मरीजों उनके परिजनों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते है। चिकित्सक का कहना है कि 24 सितंबर 2022 में सदर अस्पताल में आयोजित चिकित्सकों की बैठक में उन्होंने तत्कालीन डीएम के समक्ष यह मुद्दा उठाया था कि कई ऐसे कर्मी है जो काफी वर्षों से एक ही जगह पर बने हुए है और वो अपने उच्च अधिकारियों की बात को अनसुना करते है। उनके साथ बतमीजी और दुर्व्यवहार करते है। पीड़ित चिकित्सक का कहना है कि ऐसी स्थिति में अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने में काफी परेशानी हो रही है।
वहीं इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. एस के चौधरी का कहना है कि कुछ माह पूर्व भी इस तरह का मामला सामने आया था। बाद में मामले को आपस में खत्म कर लिया गया था। उनके द्वारा चतुर्थ वर्गीय कर्मी को बुलाकर फटकार भी लगाई गई थी। फिर एक बार कर्मी के द्वारा चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत मिली है। मामले की जांच कराई जा रही है। वहीं लंबे समय से एक ही स्थान पर बने कर्मियों के स्थानांतरण के सवाल पर कहा कि ये उनके स्तर की चीज नही है। उनके विभाग में दो स्तर के कर्मी कार्यरत है, जिसमें एक राज्य स्तर और दूसरा जिला स्तर है। राज्य स्तर के कर्मी के स्थानांतरण के लिए वो राज्य से अनुशंसा करते है, वहीं जिला स्तर के कर्मी के लिए डीएम से अनुशंसा कर सकते है। स्थानांतरण जिलाधिकारी के द्वारा ही किया जाना है।