नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मामले में समस्तीपुर के मृतकों के हुई पहचान, हादसे में पति-पत्नी व नतनी की गई जान
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समस्तीपुर : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई है। इसमें समस्तीपुर के तीन लोगों की जान गयी है। जिसमें पति-पत्नी व 15 वर्षीय नतनी शामिल है। मृतकों की पहचान ताजपुर कोठिया वार्ड संख्या-7 निवासी विजय साह (45 वर्ष), विजय साह की पत्नी कृष्णा देवी (40 वर्ष), व उनकी नतनी 15 वर्षीय सुरूची कुमारी के रूप में की गई है। घटना के बाद मृतको के घर पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इधर स्थानीय विधायक रणविजय साहू भी मृतक के घर पहुंच परिजनों से मुलाकात की।
इधर रेलवे की ओर से इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल भवन में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद यह बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में रेल मंत्री को पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस हादसे में बिहार के 9 लोगों की जान चली गई। अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लोगों की हुई मृत्यु पर मृतकों के आश्रितों को दो लाख रुपये अनुग्रह अनुदान एवं घायलों को 50 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से देने की घोषणा की है।
भगदड़ को लेकर बिहार में राजनीति शुरू :
इस भगदड़ को लेकर अब बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व रेल मंत्री लालू यादव सहित विपक्ष के नेता जहां इस भगदड़ के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं, वहीं सत्ता पक्ष इस घटना को लेकर दुख प्रकट कर रहा है. पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने मची भगदड़ को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह हादसा रेलवे की बदइंतजामी की वजह से हुआ. यह घटना बहुत दुखद है. इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए.
तेजस्वी ने इस घटना पर दुख जताते हुए रेलवे स्टेशन पर की गई व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाए हैं. तेजस्वी यादव ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था एवं भगदड़ के कारण हुई असामयिक मौतों से मन व्यथित है. इतने सरकारी संसाधनों के बावजूद भगदड़ में श्रद्धालुओं की जान जा रही है तथा डबल इंजन सरकार इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की लीपापोती कर पीआर करने में व्यस्त है. आमजनों व श्रद्धालुओं की बजाय सरकार का ध्यान मीडिया प्रबंधन, वीआईपी लोगों की सुविधा और उनकी व्यवस्था तक ही सीमित है.”
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