अगलगी की घटनाओं को लेकर अलर्ट, समस्तीपुर आपदा प्रबंधन द्वारा जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर
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समस्तीपुर : गर्मी के साथ ही अगलगी की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन राजेश कुमार सिंह ने सभी सीओ, अग्निशमन पदाधिकारी, एसडीओ सहित अन्य अधिकारियों को अगलगी की घटनाओं को लेकर अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा है कि अगलगी की सूचना मिलते ही संबंधित सीओ बिना देर किए घटनास्थल पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू कराएं। इसको लेकर जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन जारी किया है, ताकि लोग अगलगी की घटना होने पर तत्काल सूचना दे सकें और घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी जल्द पहुंच आग पर काबू कर सके।
बता दें कि जानकारी के अभाव में लोग फायर ब्रिगेड को ससमय सूचना नहीं दे पाते हैं। जब तब फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंचती, तब तक आग बेकाबू होकर अपना काम कर चुकी होती है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन जारी किया है, ताकि लोग अगलगी की घटना होने पर तत्काल सूचना दे सकें और घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी जल्द पहुंच आग पर काबू कर सके।
इस नंबर पर करें कॉल, तत्काल मिलेगी मदद :
अनुमंडल अग्निशामालय / कंट्रोल रूम नंबर
- समस्तीपुर / 06274223248 , 7485805936 , 7485805937 , 101
- शाहपुर पटोरी / 7485805938
- दलसिंहसराय / 7485805940 , 7485805941
- रोसड़ा / 7485805942 , 7485805943 , 6275222097
23 गाडियां हैं एक्टिव :
जिला अग्निशाम पदाधिकारी मो. एहतेशाम अली द्वारा बताया गया कि समस्तीपुर जिला में अग्निशमन विभाग की 23 गाडियां एक्टिव हैं। इसमें 18 बड़ी गाड़ी और 15 छोटी गाड़ी शामिल है। छोटी गाड़ी थानों पर रहती है।
आम नागरिकों को किया जा रहा जागरुक :
आग जैसी विभीषिका से निपटने के लिए अग्निशमन विभाग जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में मॉक ड्रिल कर लोगों को चरणबद्ध तरीके से जागरुक कर रही है। इस दौरान गैस सिलिंडर, पेट्रोल, डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थ में आग लगने पर इससे निपटने के विशेष योजना के साथ आम लोगों को जागरुक कर रही है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन विभाग होटलों, रेस्टोरेंट, मॉल, बड़ी दुकानों में आग लगने के दौरान इससे निपटने की उनकी तैयारियों की भी जायजा ले रही है। वहां आग बुझाने के यंत्र लगाने के निर्देश दिया है।
सावधानी से ही बचाव :
– खलिहान को तालाब या पानी के अन्य साधन के निकट स्थापित करे।
– खलिहान से कम से कम 100 फुट की दूरी पर खाना पकायें। बीड़ी, सिगरेट, हुक्का खलिहान में न पियें। उसे पूरी तरह बुझाकर ही छोड़ें।
– खेत में फूस उस समय जलायें जब हवा न चल रही हो।
– जलते हुए स्टोव या लैंप में मिट्टी का तेल न भरें।
– भोजन बनाते समय पहने हुए कपड़ों का प्रयोग कर स्टोव से बर्तन न उतारें।
– गैस का सिलेंडर सदैव खड़ा रखें, रबर पाइप को छह माह में बदल दें।
– एक ही प्लग से एक साथ कई विद्युत उपकरणों का प्रयोग न करें।
– बिजली के स्वीच बोर्ड निर्धारित ऊंचाई पर बच्चों की पहुंच के बाहर लगवायें।
आग लगने पर क्या करें :
– शॉट सर्किट से आग लगने पर सबसे पहले उस भवन का मेन स्विच काट दें।
– अग्निशमन यंत्र का उपयोग आग बुझाने के लिए तत्काल करें।
– शॉट सर्किट से लगी आग बुझाने के लिए कभी भूल कर भी पानी न डालें।
– बिजली के उपकरणों को दास्ताना पहन या सूखी लकड़ी के सहारे ही छुएं।
– गैस से आग लगने पर मकान की सारी खिड़कियां व दरवाजे खोल दें।
– आग लगने पर तत्काल सूचना फायर स्टेशन या स्थानीय थाना को दें।
जलने पर प्राथमिक उपचार :
– जले स्थान को ठंडे पानी से साफ करें, जितना ठंडा उतना फायदा।
– जले स्थान पर तत्काल कोई तेल या दवा का प्रयोग न करें।
– सूती कपड़े को गर्म पानी में उबाल कर जख्म को ढंक दें।
बाइट :
गर्मी के मौसम में पछुआ हवा चलने से अगलगी की घटनाएं हो रही है। सावधानी बरती जाए तो आग से बचाव किया जा सकता है। अग्निशमन विभाग की ओर से लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
मो. एहतेशाम अली, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, समस्तीपुर

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अग्निशमन विभाग के कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है। कंट्रोल रूम में पदाधिकारियों के साथ ही कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। लगातार फोन आने के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए दस लाइनों की व्यवस्था की गई है।
राजेश कुमार सिंह
अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन), समस्तीपुर
