समस्तीपुर : शहर के भोला टाॅकिज 53ए रेल गुमटी पर शनिवार को 119 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आरओबी का कार्यारम्भ किया गया। समस्तीपुर- मुजफ्फरपुर रेल खंड के इस व्यस्ततम समपार फाटक पर रोड ओवर पुल बनाने को लेकर कई वर्षों से मांग चल रही थी। बीते 13 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान भोला टॉकीज गुमटी पर आरओबी का शिलान्यास किया था।
आरओबी कार्यारंभ के दौरान मौजूद स्थानीय सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि हमने चुनावी कैंपेन के समय किए गए वादे को पूरा किया है और आगे भी जो वादे किए है उसको पूरा करने का काम करेंगे। वहीं विपक्ष द्वारा क्रेडिट लेने के कटाक्ष पर उन्होंने कहा की हम तो सिर्फ माध्यम है काम को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के आशीर्वाद से एक साल के भीतर पूरा हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार 119 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस आरओबी पर पूसा की तरफ से पहुंच पथ की लंबाई 387.300 मीटर, ताजपुर की तरफ से पहुंच पथ की लंबाई 368.259 मीटर, समस्तीपुर के तरफ से पहुंच पथ की लंबाई 356.859 मीटर, रेलवे भाग में पुल की लंबाई 31.28 मीटर रहेगी। वहीं आरओबी की कुल लंबाई 1145.68 मीटर रहेगी। इसके अलावे रेलवे भाग की चौड़ाई 12.5 मीटर रहेगी। कार्यारंभ के दौरान नगर निगम की मेयर अनीता राम, एमएलसी डॉ. तरूण कुमार चौधरी, पूर्व सांसद अश्वमेध देवी, शयान कुणाल, दुर्गेश राय समेत अन्य मौजूद रहे। बता दें कि लगभग दो दशक से अधिक समय से इस बहुचर्चित आरओबी निर्माण के लिए अलग-अलग संगठनों और जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किया जा रहा था।
ताजपुर रोड में जाम की बड़ी समस्या है। स्टेशन के नजदीक एवं डबल लाइन होने के कारण कुछ ही देर के अंतराल पर 24 घंटे ट्रेनों का आना जाना लगा रहता है। जिसके कारण हर पंद्रह से बीस मिनट के अंतराल पर रेलवे गुमती को बंद होती रहती है। जिसके कारण वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। कभी-कभी तो आधा घंटा से लेकर एक घंटे तक गुमती बंद रहती है। ऐसी स्थिति में मरीजों एवं आवश्यक कार्यों से निकले लोग भी इसमें फंसे रहते हैं।
गुमती की स्थिति ऐसी है कि एक ट्रेन के गुजरने के लिए गेट को बंद किया जाता है। समस्तीपुर भाया पूसा-मुजफ्फरपुर का मुख्य मार्ग होने के कारण लंबा जाम लग जाता है। ट्रेन के गुजरने के बाद जैसे ही गुमती खोल कर लोगों को निकाला जाता है। भीड़ पूरी तरह खाली भी नहीं होता है, इसी दौरान दूसरी ट्रेन के आने की सूचना गेट मैन को मिलती है। जिसके कारण फिर से गेट बंद हो जाता है। कई बार भीड़ के कारण ट्रेन को ही आउटर सिग्नल पर रोक दी जाती है।
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