समस्तीपुर [अविनाश कुमार] : सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपयोग किए जा रहे ‘ई-शिक्षा कोष’ एप की तकनीकी खामी के कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस एप की गड़बड़ी के कारण 19 मार्च को जिले भर के अलग-अलग प्रखंडों के 746 स्कूलों के हेडमास्टर और 1 हजार 41 शिक्षकों को विभाग द्वारा स्पष्टीकरण (शो-कॉज) नोटिस भेज दी गयी।
एप की गड़बड़ी के कारण शिक्षकों की उपस्थिति विभागीय सिस्टम में दर्ज नहीं हो सकी, जबकि शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति सुबह 9:30 से 10:00 बजे के बीच ही दर्ज कर दी थी। शिक्षकों ने इसका प्रमाण अपनी शिक्षा कोष आईडी के स्क्रीनशॉट के माध्यम से दिया है, जिससे साफ हो रहा है कि गलती एप या विभागीय सिस्टम में हुई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि स्पष्टीकरण मांगने वालों की सूची में ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं, जो या तो सेवा निवृत्त हो चुके हैं, या जिनका निधन हो चुका है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण विभागीय पदाधिकारी भी भ्रमित हो गए हैं। इससे सोशल मीडिया पर विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस गड़बड़ी का खामियाजा जहां ईमानदार शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं फर्जी उपस्थिति लगाने वालों को इसका फायदा मिल रहा है, जिससे शिक्षकों में रोष बढ़ रहा है।
शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण मांगा है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। पटोरी प्रखंड के मध्य विद्यालय जोरपुरा के शिक्षक चितरंजन कुमार की अपराधियों ने बीते वर्ष नवंबर महीने में स्कूल से घर लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं सिंघिया प्रखंड के प्लस टू विद्यालय लगमा के शिक्षक राम उदय सिंह, कल्याणपुर प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय हजपुरवा के शिक्षक चंदन कुमार, पूसा प्रखंड स्थित किसान उच्च विद्यालय मोरसंड की शिक्षिका रेखा यादव की भी मौत हो चुकी है जिनसे जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय में अनुपस्थिति को लेकर स्पस्टीकरण मांगा गया है। हेडमास्टरों को डीईओ ने निर्देश दिया गया है कि वे अपना और अपने अधीन संबंधित सभी शिक्षकों का स्पस्टीकरण का जवाब दो दिनों में डीईओ कार्यालय को दें।
ई-शिक्षाकोष एप की गड़बड़ी के कारण कुछ शिक्षकों को पहले अनुपस्थित फिर उपस्थित दिखाया गया है। शिक्षकों को घबराने की जरूरत नहीं है, ई-शिक्षा कोष की उपस्थिति और जबाब बनाकर कार्यालय को समर्पित कर दें, जांच के बाद उनपर कारवाई नहीं की जाएगी। वहीं मृत शिक्षकों के नाम ई-शिक्षाकोष से नहीं हटाया गया था जिस कारण उन सभी को भी शो-काॅज चला गया है। उन शिक्षकों के नाम एप से हटाकर अपडेट करने का निर्देश विभाग को दिया गया है।
कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर
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