महाकुंभ के दौरान समस्तीपुर मंडल से चली 40 कुंभ स्पेशल ट्रेन, 1.85 करोड़ का मिला राजस्व
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समस्तीपुर : आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर समापन हुए महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया, लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका निसंदेह अग्रणी है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है।
समस्तीपुर मंडल के अलग-अलग स्टेशनों से लगभग 40 विशेष ट्रेनें चलायी गयी जिसमें रिकार्ड लगभग 1 लाख 25 हजार यात्रियों ने सफर किया। जिससे समस्तीपुर मंडल को करीब 1 करोड़ 85 लाख रुपये की आय टिकट बिक्री से हुई। भारी कमाई से रेलवे अधिकारियों की बांछें खिल गई हैं। महाकुंभ में जाने वाले यात्रियों की सबसे अधिक संख्या जयनगर से रही, जहां से 58 हजार श्रद्धालु रवाना हुए। इसके अलावा, सहरसा और दरभंगा से 10-10 हजार, रक्सौल से 12 हजार और समस्तीपुर से 7 हजार यात्री कुंभ पहुंचे। बीच के अन्य स्टेशनों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से प्रयागराज पहुंचे।
नेपाल के यात्रियों ने भी कुंभ स्पेशल ट्रेन से की यात्रा :
भारत ही नहीं नेपाल के श्रद्धालुओं में भी महाकुंभ का उत्साह रहा जिसको लेकर समस्तीपुर मंडल के द्वारा जयनगर से लगातार कुंभ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया। इसको लेकर जयनगर स्टेशन पर होल्डिंग एरिया से लेकर तमान सुरक्षा के व्यवस्था थे ताकी अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। जयनगर स्टेशन से पड़ोसी देश नेपाल के हजारों श्रद्धालुओं ने कुंभ स्पेशल ट्रेनों से यात्रा की। इसके अलावा मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सहरसा सहित अन्य स्टेशनों से भी बड़ी संख्या में यात्री प्रयागराज पहुंचे।
यात्रियों की सुविधा को लेकर रहे विशेष प्रबंध :
महाकुंभ मेले के दौरान यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए समस्तीपुर मंडल द्वारा कई विशेष व्यवस्थाएँ की गई थी। प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए अलग से टिकट काउंटर और होल्डिंग एरिया बनाए गए थे जहां पर यात्री ट्रेन पकड़ने से पहले रुक कर अपने ट्रेनों का इंतजार कर सकते थे। मंडल द्वारा होल्डिंग एरिया में पीने के पानी, बैठने की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार, साफ-सफाई एवं अन्य सुविधाएँ सुनिश्चित की गई थी। इसके अलावे मंडल कार्यालय में वॉर रूम की स्थापना की गई, जहां से मंडल के उच्च अधिकारी भीड़ प्रबंधन की लगातार निगरानी कर रहे थे।
जयनगर, दरभंगा, सहरसा सहित प्रमुख स्टेशनों पर वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इसको लेकर मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव लगातार सभी व्यवस्थाओं की स्वयं निगरानी कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी प्रमुख स्टेशनों पर व्यवस्थाओं की निरीक्षण के लिए लगातार दौरा किया। वहीं वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनन्या स्मृति भी लगातार सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करती रहीं।
उन्होंने टीटीई/टीसी तथा वाणिज्य विभाग के सभी कर्मचारियीं को लगातार सभी यात्री सुविधाओं पर नजर रखने और उनमें किसी भी तरह की कमी न होने देने के लिए लगाए रखा। साथ ही स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए भी सभी को सजग रखा। इस दौरान मंडल के कुल 720 रेलवे कर्मियों को भीड़ नियंत्रण एवं यात्री सुविधा के लिए विभिन्न स्टेशनों पर तैनात किया गया था।
भीड़ नियंत्रण एवं प्रबंधन को लेकर रेलवे सुरक्षा बल के साथ साथ स्थानीय प्रशासन, सरकारी रेलवे पुलिस, स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, होमगार्ड, स्काउट एवं गाइड के कैडेट्स एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात रही। इस दौरान प्लेटफार्मों एवं ट्रेनों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया गया था। वाणिज्य विभाग द्वारा स्टेशनों पर उचित मूल्य पर खाने-पीने के सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई थी। इसके अलावे सभी प्रमुख स्टेशनों पर पीने के पानी की अतिरिक्त व्यवस्था की गई। मंडल द्वारा स्टेशनों पर तथा ट्रेनों में यात्रा के दौरान विशेष निगरानी रखी गई, जिससे यात्रियों को सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा का अनुभव मिला।