समस्तीपुर : बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू (एच5एन1 वायरस) के मामले सामनें आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। अब तक बिहार के तीन जिलों पटना, जहानाबाद और भागलपुर में बर्ड फ्लू के मामले की पुष्टि हो चुकी है। बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बिहार समेत सभी राज्यों को अलर्ट किया है। इससे निपटने के लिए आवश्यक इंतजाम के निर्देश दिये हैं। जिलों को भी अलर्ट किया गया है।
हालांकि, समस्तीपुर जिले में अभी तक इससे जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है। इधर बिहार में लगातार बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने भी खतरे को देखते हुए मध्याह्न भोजन योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब शुक्रवार को स्कूलों में अंडे नहीं दिए जाएंगे। इसकी जगह बच्चों को 100 ग्राम के समतुल्य सेब या केला या अन्य मौसमी फल दिया जाएगा। इस संबंध में मिड-डे मील की निदेशक साहिला की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।
कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को एमडीएम योजना के तहत शुक्रवार के निर्धारित मेनू के अतिरिक्त एक उबला अंडा एवं शाकाहारी बच्चों को मौसमी फल सेव या केला दिया जा रहा है। वर्तमान में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बिहार समेत सभी राज्यों को बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर अलर्ट किया है। इस संबंध में सावधानी बरतने हेतु आम जनों को अंडा/मुर्गा, मांस इत्यादि के सेवन से बचने एवं उसके उपाय के लिए समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है।
इस संबंध में समस्तीपुर एमडीएम के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमित सौरव ने बताया कि शिक्षा विभाग के एमडीएम निदेशक साहिला का निर्देश है कि बर्ड फ्लू के अलर्ट को देखते हुए बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत कक्षा 1 से 8 के बच्चों को शुक्रवार के निर्धारित मेनू के दिये जाने वाले अंडा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। उसके स्थान पर सभी बच्चों को मौसमी फल जैसे सेव या केला दिया आएगा। स्थिति सामान्य होने के उपरान्त अंडा देने के संबंध में पुनः निर्देश जारी किया जायेगा।
बर्ड फ्लू प्रभावित मुर्गे, मुर्गी व पक्षियों के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों के लिए यह जानलेवा है। इससे पीड़ित में गंभीर श्वास की बीमारी होती है। संक्रमण के बाद मनुष्य में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने में 3 से 5 दिन लगते हैं। तेज बुखार, गर्मी या कंपकंपी महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, खांसी या सांस लेने में तकलीफ, दस्त, पेट दर्द, सीना दर्द, नाक व मसूड़ों से खून आना, आंख आना इसके लक्षण हैं।
– कौवा, कबूतर, मुर्गी आदि के मरने पर सतर्कता जरूरी है, मुर्गी फार्म की नियमित सफाई और सेनेटाइज करें
– मुर्गी फार्म के मजदूरों को मास्क, हाथ में ग्लब्स और पैर में जूते पहन ही काम करना चाहिए
– पक्षियों के मांस और अंडे को कच्चा या अधपका न खाकर पूरा पका हुआ खाना चाहिए
– बर्ड फ्लू प्रभावित पक्षी के मांस को भी 100 डिग्री तापमान पर पकाकर खाने की स्थिति में इसका खतरा नहीं रहता है
वर्ड फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है, लोगों को फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। समस्तीपुर जिले में अब तक ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पोल्ट्री फॉर्म से रेंडमली सैंपलिंग एकत्रित किये जा रहे हैं। इससे बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
– डॉ. अमन श्रीवास्तव, जिला पशुपालन पदाधिकारी, समस्तीपुर
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