विद्यापतिनगर में संत बाबा रमता राम ठाकुरबाड़ी की जमीन पर बन रहा पंचायत सरकार भवन, उच्च न्यायालय में पहुंचा मामला
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समस्तीपुर/विद्यापतिनगर [पदमाकर सिंह लाला] :- प्रखंड अंतर्गत मऊ धनेशपुर दक्षिण पंचायत में संत बाबा रमता राम ठाकुरबाड़ी की जमीन पर पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ठाकुरबाड़ी की जमीन पर पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर पुजारी अशोक कुमार गिरि ने माननीय उच्च न्यायालय, पटना में सीडब्ल्यूजेसी दायर कर कड़ी आपत्ति जताई है।
दायर वाद में याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह जमीन संत बाबा रमता राम ठाकुरबाड़ी की संपत्ति है और प्रशासन ने बिना अनुमति के इस पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। बिना अनुमति लिए ही निर्माण कार्य शुरू करने के मामले में अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग, प्रधान सचिव पंचायती राज विभाग, जिलाधिकारी व अंचलाधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया है।
क्या हैं मामला :
दायर वाद के मुताबिक मऊ धनेशपुर दक्षिण पंचायत स्थित खाता संख्या – 1881 , खेसरा संख्या – 3618, 3619 , रकबा – 135 डिसमिल संत बाबा रमता राम ठाकुरबाड़ी के नाम की खतियानी जमीन है। बताया कि दिनांक 12 दिसंबर 1979 ई. में कतिपय ग्रामीणों ने संत बाबा रमता राम सेवा समिति ( अनिबंधित ) द्वारा संत बाबा रमता राम उच्च विद्यालय की स्थापना हेतु महामहिम राज्यपाल के नाम से 6 एकड़ 12 कट्ठा 13 धुर जमीन का एकरारनामा किया था।
जिस अनुबंध में स्पष्टतया शर्त अंकित है कि यदि संत बाबा रमता राम उच्च विद्यालय की स्थापना या प्रस्वीकृति शिक्षा विभाग से नहीं मिलती है तो उक्त अनुबंधित भूखंड स्वत: संत बाबा रमता राम ठाकुरबाड़ी की ही रह जाएगी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 45 वर्ष बाद भी आज तक संत बाबा रमता राम उच्च विद्यालय की स्थापना या प्रस्वीकृति जब मिली ही नहीं तो ऐसे में कतिपय लोगों (ठाकुरबाड़ी से जुड़े नहीं) द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम पर सशर्त अनुबंधित भूखंड पर शिक्षा विभाग का हकीकत का आधार क्या है। क्या बिना अस्तित्व वाले उक्त कथित विद्यालय के नाम एकरारनामा की गई भूमि बिना अनुमति के ही प्रशासन द्वारा जमीन को अतिक्रमित कर निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया पूरी तरह से अवैधानिक नहीं है।
याचिकाकर्ता सेवयत पुजारी अशोक कुमार गिरि ने माननीय उच्च न्यायालय से मांग कि की मामले की गंभीरता के मद्देनजर निर्माण कार्य पर अविलंब रोक लगाते हुए प्रशासन द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए। माननीय उच्च न्यायालय,पटना ने संबंधित प्रतिवादीगण को नोटिस जारी कर जबाव समर्पित करने का आदेश दिया है। अंचल कार्यालय ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय, पटना से इससे संबंधित नोटिस प्राप्त हुआ है। उधर माननीय उच्च न्यायालय, पटना में सीडब्ल्यूजेसी दायर होने के बाद पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य अधर में लटकना तय माना जा रहा है। बताते चलें कि उक्त भूखंड पर निर्माण कार्य शुरू करने में ग्रामीणों द्वारा बाधा उत्पन्न होने की आहट होने पर सीओ कुमार हर्ष ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से गत 5 फरवरी को आनन फानन में निर्माण कार्य शुरू करवाया था।