समस्तीपुर : मौसम के बदले मिजाज एवं तेज हवा ने चैत महीने की गर्मी में ही ठंड का एहसास दिला दिया। झमाझम बारिश ने मौसम तो सुहाना कर दिया लेकिन वज्रपात के कारण मातम पसर गया। जिले के हसनपुर और लरझाघाट थाना क्षेत्र में बुधवार को एक नाबालिग किशोरी व एक युवा किसान की वज्रपात से मौत हो गई। वहीं गुरुवार की रात मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र के टेडी बाजार निवासी अखिल खां की 55 वर्षीय पत्नी अफसाना खातून मवेशी बांधने निकली थी। इसी दौरान वह वज्रपात की चपेट में आ गयी। गुरुवार की रात मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र के टेडी बाजार निवासी अखिल खां की 55 वर्षीय पत्नी अफसाना खातून मवेशी बांधने निकली थी। इसी दौरान वह वज्रपात की चपेट में आ गयी।
वहीं बुधवार को बिथान प्रखंड के लरझाघाट थाना क्षेत्र के फुहिया गांव में वज्रपात से संतोष राय की 14 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी की मौत हो गयी। वहीं हसनपुर के पिरौना गांव निवासी 19 वर्षीय युवा किसान प्रवीण कुमार अपने गन्ना के खेत में पटवन करने गया था। बोरिंग में मशीन लगाने के दौरान ही व्रजपात होने से उसकी मौत हो गई।
इसके बाद बुधवार को हुई बारिश से जान-माल की क्षति के आंसू भी नहीं सूखे थे कि अचानक गुरुवार को शाम से तेज हवा व बारिश शुरू हो गयी। बारिश से तापमान में भले ही गिरावट आयी, परंतु लगातार फसलों को काफी नुकसान हुआ। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में खेतों में बारिश का पानी भर गया है। कई जगहों पर कटी हुई गेहूं की फसल बारिश से पूरी तरह में भींग गयी। किसानों के लिए होने वाली बारिश किसी आपदा से कम नहीं है। किसानों ने खेत में जो फसल काटी थी वो फसल पड़ी थी। इसमें से भूसा भी अभी निकालना बाकी था। दौनी शुरु होने से पहले पानी में भीगने से गेहूं के दाने खराब होने का खतरा बढ़ गया है।
वहीं अगर दौनी हो भी गयी तो भूसे भी खराब ही आयेगा। बेमौसम बारिश जैसे ही होना शुरु हुआ ही किसान झटपट अपनी फसलों को तिरपाल से ढककर बचाने में जुट गये। वहीं जिनके पास बचाने के दूसरा कोई विकल्प नहीं था वे टकटकी लगाए खेतों के अलावा खलिहान में रखी गई गेहूं के फसलों की बर्बाद होते देखते रह गये। दोनों दिन हुए बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ है।
बताते चलें कि वर्तमान समय में किसानों के द्वारा अपने अपने खेतों में रबी फसलों में गेहूं, मक्के समेत अन्य फसल लगा रखे हैं। मक्के के फसल में अब दाना लगना शुरू हुआ है। वहीं गेहूं पुर्ण रूप से पक चुका है, कुछ किसान तो अपना फसल काट चुके हैं और कुछ किसान गेहूं तैयार भी कर चुके हैं। लेकिन आधे से अधिक किसानों के खेतों में गेहूं का फसल लगा हुआ है या गेहूं काटकर खेत में ही है।
उसी दौरान बेमौसम बरसात व पछूआ हवा ने किसानों की कमर ही तोड़ कर रख दी है। हवा के साथ बारिश होने से खेत में खड़ी गेहूं की फसल जहां जमीन पर सो गया है। वहीं कटा हुआ फसल भीग गया है जिसे जल्द धुप में नहीं सुखाया गया तो पुर्ण रूप से बर्बाद हो जाए। साथ ही जो किसान मक्के के फसल में पटवन किए वैसे किसानों का मक्के के फसल भी जमीन पर सो गया है। जिससे फसल का नुक़सान हो गया है।
बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों का काफी नुकसान पहुंचाया है। समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत जितवरिया, तीरा जटमलपूर और चकमेहसी पंचायत के किसानों की कटी हुई गेहूं की फसल पानी में डूब गई है। किसान मनीष ठाकुर ने बताया कि उसने महाजन से 2 लाख रुपये का कर्ज लेकर 2 एकड़ में गेहूं की खेती की थी। अब वे कर्ज चुकाने को लेकर चिंतित हैं। वहीं किसान वशिष्ठ कुमार सिंह की स्थिति और भी गंभीर है। उन्होंने भी कर्ज लेकर दो एकड़ में खेती की थी। बेटी की शादी का खर्च भी सिर पर है, लेकिन फसल बर्बाद हो जाने से परिवार मुश्किल में है।
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