साइबर सुरक्षा की जानकारी सबके लिए जरूरी, करना होगा जागरूक, समस्तीपुर SP ने बताया- ‘क्या करें, क्या न करें’
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समस्तीपुर : सरकार व पुलिस द्वारा लगातार साइबर अपराधों से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके लोग साइबर अपराध के शिकार हो जा रहे हैं। तेजी से बढ़ते साइबर अपराध से बचाव को लेकर एसपी अशोक मिश्रा ने साइबर अपराधों के 24 अलग-अलग नए हथकंडों को लेकर साइबर क्राइम प्रिवेंशन हैंडबुक का पीडीएफ जारी किया है।
इसमें लोगों को बताया गया है कि ‘क्या करें, क्या न करें।’ हैंडबुक के माध्यम से उन्होंने सभी लोगों को सतर्क रहने, किसी अज्ञात लिंक या कॉल पर निजी जानकारी साझा न करने की सलाह दी है। इसमें केवाईसी स्कैम, ऑनलाइन नौकरी की ठगी, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, निवेश ठगी (इन्वेस्टमेंट स्कैम), ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड, लॉटरी फ्रॉड, फिशिंग,
वॉइस कॉल स्कैम (विशिंग), क्यूआर कोड स्कैम (क्विशिंग), सर्च इंजन फ्रॉड, सोशल मीडिया इम्पर्सोनेशन, फर्जी लोन ऑफर (एसएमएस, ईमेल, कॉल स्कैम), डेबिट/क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, मोबाइल एपीके स्कैम, साइबर स्लेवरी, सिम स्वैपिंग, मनी म्यूल्स, जूस जैकिंग, डीपफेक साइबर क्राइम, रिमोट एक्सेस फ्रॉड, सिक्योर ब्राउजिंग की अनदेखी, रैंसमवेयर अटैक एवं स्मार्टफोन स्कैम को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
डिजिटल युग में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फर्जी कॉल, नकली वेबसाइट, स्कैम लिंक व एप के जरिए आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। बैंक, केवाईसी या जॉब ऑफर की आड़ में निजी जानकारी मांगी जाती है। ओटीपी, पासवर्ड या केवाईसी डॉक्युमेंट किसी से साझा न करें। फर्जी अधिकारी बनकर धमकाने, स्क्रीन शेयरिंग एप से फोन कंट्रोल करने या नकली लोन-इनाम का झांसा देने के मामले भी सामने आ रहे हैं। क्यूआर कोड स्कैन कर पैसे “न प्राप्त करें”, यह केवल भेजने के लिए होता है। केवल सेबी-पंजीकृत संस्थानों में निवेश करें।