समस्तीपुर: भीषण गर्मी में खेल करवाने पर बिफरे अभिभावक, 7 से 9 बजे तक ही विद्यालय में होगी खेल प्रतियोगिता
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समस्तीपुर : शिक्षा विभाग अप्रैल माह की भीषण गर्मी में स्कूलों की अंडर-14, 16 खेलकूद प्रतियोगिता करवा रहा है। विभाग ने खेल को शुरू करने से पहले न तो तापमान का ख्याल रखा और न ही उचित प्रबंधों का। बस आंखें मूंदकर खेलें करवाई जा रही है। स्कूलों में खेलों के आयोजन के लिए ढांचागत सुविधाएं किसी से छिपी नहीं हैं। इंडोर स्टेडियम तो दूर की बात है ढंग के खेल मैदान भी नहीं हैं। ऐसे में स्कूलों के खिलाड़ी कड़ी धूप में खेल प्रतियोगिताओं में पसीना-पसीना हो रहे हैं, पर विभाग को दिशा-निर्देश के अनुसार चलना है। शिक्षा विभाग के इस रवैये से विद्यार्थियों के अभिभावकों में रोष है।
इधर शिक्षा विभाग एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिभा खेल पहचान योजना “मशाल 2024 का आयोजन विद्यालय स्तर पर 26 एवं 27 अप्रैल को होने वाले खेल प्रतियोगिता के दौरान भीषण गर्मी एवं लू को देखते हुए इससे बचाव का व्यापक तैयारी करने का निर्देश सभी मध्य, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को बीईपी ने दिया है।
कहा कि पाँच विद्या-यथा- एथलेटिक्स, साईक्लिंग, कबड्डी, फुटबॉल एवं वॉलीबॉल (अंडर-14 एवं अंडर 16 बालक एवं बालिका) आयोजित किया जा रहा है। जिसमें सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक बच्चों के स्वस्थ को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालयों में पेयजल एवं ओआरएस की व्यवस्था गर्मी को देखते हुए प्राथमिकता के तौर पर करेंगे।
इसके साथ हीं सभी प्रकार के खेल का आयोजन पूर्वाह्न 07:00 बजे से 09:00 बजे के बीच पूर्ण करायेंगे, ताकि गर्मी से बच्चे सुरक्षित रह सकें। इस प्रतियोगिता में स्थानीय जन प्रतिनिधि को मुख्य अतिथि के रूप में तथा विद्यार्थियों के अभिभावकों को इसमें आमंत्रित करेंगे। विद्यालय के सामान्य शिक्षक व शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक, जिन्हें जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया है, अन्य शिक्षकों की मदद से इस कार्य का सफल संचालन करेंगे।
इससे इतर छात्र- छात्राओं का कहना है कि खेल के कारण पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है। विद्यालयों में गर्मी को देखते हुए कोई विशेष प्रबंध नहीं है। खेल कर आने के बाद विद्यार्थी प्यस बुझाने नल की ओर दौड़ लगाते है और बीमार हो रहे है। विद्यालय प्रशासन दिशा-निर्देश का पालन कराने के लिए धृतराष्ट्र बना हुआ है।